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Herbal antibiotic:देश की पहली हर्बल एंटीबायोटिक यहाँ हो रही तैयार

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Herbal antibiotic: मध्य प्रदेश में कुछ ना कुछ ऐसे करना में जरूर होते हैं जिसे कैसे वह पूरे देश में सुर्खियों में बन जाता है जहां पर एक ऐसा मामला आज हम लेकर आए हैं जिसकी वजह से पूरे देश में ग्वालियर का नाम अब छा गया है।  एमपी अजब है तो ग्वालियर गजब है किसी न किसी बात को लेकर ग्वालियर सदैव सुर्खियों में बना ही रहता है।

Herbal antibiotic: आपको बतादे की जल्दी ही एक ऐसा कारनामा होने जा रहा है इसके बाद लोग ग्वालियर को और भी अधिक याद करने लगेंगे। दरअसल एमपी के ग्वालियर में देश की पहली हर्बल एंटीबायोटिक दवा तैयार की जा रही है जिसका सेवन करने से किसी को कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।

देश की है यह पहली एंटीबायोटिक

आपको बतादे की एमपी के ग्वालियर के शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में देश की पहली एंटीबायोटिक दवा तैयार की जा रही है। जहा यह दवा द्रव गुण विज्ञान विभाग के डॉक्टर द्वारा तैयार की जा रही है, जो की पांच जड़ी बूटियां के मिश्रण से बनेगी। द्रव गुण विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर के एल शर्मा ने बताया कि 1 साल से हर्बल एंटीबायोटिक दवा को तैयार करने का प्रयास भी कर रहे हैं। ईसमें पांच विशेष जड़ी बूटियां को मिलाया जाएगा। साथ ही इस दवा का झांसी के केंद्रीय आयुर्वैदिक अनुसंधान संस्थान भारत सरकार में जड़ी बूटी एंटीबायोटिक की उपयोगिता का परीक्षण भी कराया गया था। इन जड़ी बूटियां में एंटीबायोटिक के गुण एवं धर्म पाए गए थे।

जाने आखिर किस बीमारी के लिये आएगी यह काम

Herbal antibiotic: डॉ शर्मा ने जानकारी देते हुए यह बताया गया है की मेरे द्वारा पांच विशेष जड़ी बूटियां से तैयार की जा रही यह दवा एंटीबायोटिक दवा यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और बुखार से पीड़ित मरीजों के लिए विशेष तौर पर काम आएगी। जहा सबसे बड़ी बात यह है की दवा का किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा। वही फिलहाल इसका ट्रायल क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अनुसंधान केंद्र के एनिमल हाउस में एनिमल्स पर किया जा रहा है। जो तकरीबन 3 माह तक चलेगा।

जल्दी ही आमजन के लिए होगी उपलब्ध

इतना ही नहीं डॉ शर्मा की अगर माने तो यह एनिमल ट्रायल पूरा होने के बाद दवा को रिपोर्ट के आधार पर ही मरीजों पर भी ट्राई किया जाएगा। जो तकरीबन 6 माह तक चलेगा इसके बाद अगर दवा से किसी को कोई नुकसान नहीं होता है तो इसका पेटेंट करा कर दवा को मार्केट में हर्बल एंटीबायोटिक दवा के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद यह दवा मरीज को शासकीय अस्पतालों के साथ ही बाजार में मिल सकेगी। डॉक्टर शर्मा का कहना है कि फिलहाल इस प्रक्रिया में 1 साल का समय लग सकता है।

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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