---Advertisement---

Sidhi news:बच्चों के खिलौने और पढ़ाई सामग्री खरीदने के लिए नहीं है पैसे, नहीं उपलब्ध कराई गई किट

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

Published on:

---Advertisement---

Sidhi news:तीन हजार रुपए की सामग्री होती थी किट में, आंगनबाड़ी केंद्रो में बची हुई सामग्री के सहारे चल रहा काम 

Sidhi news:आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को आकर्षित करने के लिए कई तरह के खिलौने रखे जाते थे। मासूमों को खेल-खेल में प्रारंभिक शिक्षा देने के उद्देश्य से यहां कई तरह के चार्ट भेजे जाते थे, लेकिन इन दिनों जिले की आंगनबाडियां इस सामग्री के अभाव में बेरौनक हो गई हैं। कारण यह कि पैसे न होने के कारण विभाग प्री-स्कूल किट नहीं खरीद पा रहा है।

Sidhi news:जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में पिछले 6 सालों से प्री-स्कूल किट उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। बताया गया कि आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के तमाम टीकों को लगाना, उनका परीक्षण, वजन, आयरन की गोलियों का वितरण सहित अन्य प्रकार से देखरेख की जाती है। साथ ही बच्चों के जन्म से लेकर स्कूल जाने तक की प्रक्रिया भी आंगनबाड़ी केंद्रों में ही होती है।

क्या है प्री-स्कूल किट

Sidhi news:बच्चों को प्री-स्कूल किट के माध्यम से खेल-खेल में शिक्षा के शुरूआती ज्ञान से अवगत कराने के उद्देश्य से सामग्री के साथ उन्हें शिक्षा दी जाती है। इस प्री-स्कूल किट में खेल खिलौने के साथ-साथ डूषहदी और अंग्रेजी की वर्णमाला, शब्दों के चार्ट, फल-फूलों तथा सब्जियों के नाम के चार्ट और विभिन्न आकार के खेल खिलौने से गणित की प्रारंभिक शिक्षा भी आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाती है। 2010 के दशक तक हर दो साल में यह सामग्री आंगनबाड़ी केंद्रों को वितरित की जाती थी। फिर 2020 के दशक में दशक में दो से तीन सालों में सामग्री आने लगी। कोविड से पहले यह सामग्री वर्ष 2018 में सीधी केआंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को वितरित की गई थी। 6 साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी प्री स्कूल किट केंद्रों तक नहीं पहुंचाई गई है। वहीं शासन की तरफ से बजट जारी कर सामग्री प्रत्येक केंद्रों तक उपलब्ध कराई जाती है।

Sidhi news:सरकार का ध्यान अब बहनों की तरफ ज्यादा है। लाड़ली बहना योजना में हर महीने अरबों रुपए की राशि पूरे प्रदेश में दी जा रही है। सीधी जिले में 2 लाख 13 हजार 926 बहनें दर्ज हैं, जिन्हें हर महीने मध्यप्रदेश शासन 1250 रुपए के मान से राशि उनके खाते में जारी करता है। इस लिहाज से हर महीने 26 करोड़ 32 लाख 81 हजार 300 रुपए की राशि सीधी जिले की लाड़ली बहनों के खाते में आ रही है। जबकि 2-3 सालों में एक बार जारी की जाने वाली प्री-स्कूल किट के लिएसीधी जिले में तकरीबन 68 लाख रुपए की राशि खर्च होती है।

तीन हजार रुपए की सामग्री किट में होती थी

Sidhi news:आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली स्कूल प्री किट में 3000 रुपए की सामग्री होती है। सभी केंद्रों मे प्री-स्कूल किट वितरित की जाती थी, जिसमें तमाम सामग्रियां मौजूद रहती थीं। वर्तमान हालात में आंगनबाड़ी केंद्रों में जो सामान करीब 6 साल पहले आया था। वह अधिकांश टूट चुका है, या बहुत कम मात्रा में बचा है। उसके सहारे ही बच्चे अब इसका उपयोग कर पा रहे हैं। वहीं, मिनी आंगनबाड़ी केंद्रो में 1500 रुपए की सामग्री वितरित की जाती थी। जो अब 6 सालों से वितरित नहीं की गई है। कुछ लोगों का मानना है की लाड़ली बहना योजना में एक बड़ा बजट शामिल किया गया है। जिसकी वजह से यहां सामग्री का वितरण आगामी कई सालों तक नहीं होने की है।

Follow On WhatsApp
Follow On Telegram
---Advertisement---

Leave a Comment