Sidhi news:फर्जी बिल लगाकर निकाले करोड़ो रूपये वसूली के लिए लगाये गए है कई शिक्षक
Sidhi news:जिले का शिक्षा विभाग अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना हुआ है लेकिन राजनैतिक संरक्षण होने के कारण भ्रष्टाचारियों पर लगाम नही लग पा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी के भ्रष्टाचार को लेकर कई बार शिकायतें की गई लेकिन उनको दफन कर दिया जाता रहा है। जिसको लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी संतोष सिंह (जमुआ) द्वारा गंभीर आरोप लगाये है। श्री सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जिले में एक भ्रष्ट दागी व्यक्ति जिसके ऊपर रीवा जिले में पदस्थापना के दौरान अनुदान प्राप्त विद्यालयों के कर्मचारियों के नाम से फर्जी बिल तैयार कर करोड़ो रूपये की राशि हड़पी गई जिसकी जांच कलेक्टर रीवा एवं महालेखागार ग्वालियर द्वारा कराई गई जो जांच में प्रमाणित पाया गया है जिसके सम्बन्ध में आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा सम्भागीय संयुक्त संचालक रीवा को इस सम्बन्ध में दस्तावेज उपलब्ध कराया जाकरअपराध पंजीबद्ध कराने दिया गया था। अभिलेख सिविल लाइन थाना रीवा में उपलब्ध हुआ किन्तु राजनैतिक संरक्षण प्रकरण को दबाया जा जिले के जिला शिक्षा मिश्रा के विरूद्ध के चलते रहा है। सीधी अधिकारी श्री 2-3 अन्य विभागीय जांच भी प्रचलित हैं, फिर भी उन्हें मैदानी क्षेत्र में पदस्थापना कर दी गई है। जिनका मूल पद प्राचार्य का है जो सीधी जिले में पदस्थ कई प्राचार्यों से दिसम्बर 2022 में जूनियर हैं। पदस्थ हुये है, पदस्थ होते ही सबसे पहले लगभग 50 से अधिक अपात्र एवं बिनामापदण्ड नियम प्रक्रियाओं का पालन कर जिस विद्यालय में संसाधन नहीं हैं, वहीं पर कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती के नाम पर एमपी कॉन से सांठ- गांठ कर प्रत्येक आपरेटरों से नियुक्ति के नाम पर 50 हजार से लेकर 1 लाख रूपये तक रिश्वत ली गई।
दर्जनों शिक्षकों को कियागया अटैच /
Sidhi news:अधिवक्ता संतोष सिंह द्वारा बताया गया कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दर्जनों शिक्षकों को संलग्न किया गया है जिनका एकमात्र काम जिला शिक्षा अधिकारी के लिये वसूली करना होता है। जुलाई-अगस्त में युक्तिकरण-अतिशेष शिक्षकों के पदस्थापना में जमकर वसूली की गई जी अनवरत जारी है, जो शिक्षक मनचाहा स्थान चाहता था उन्हें लम्बी राशि लेकर समायोजन गया है, अन्य के लिये बता दिया जाता था कि पद रिक्त नहीं है। कर्मचारी अपने खाते से जीपीएफ की राशि निकालता है तो वहीं भी 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक रिश्वतदेनी पड़ती है। वर्तमान में विद्यालयों की दयनीय हालत हो चुकी है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग /
Sidhi news:बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय दोपहर 12 के बाद खुलती है और 3 बजे बन्द हो जाते हैं, शिक्षक मनमानी स्कूल आते हैं, इस तरह पठन-पाठन इस भ्रष्ट अधिकारी के रिश्वतखोरी के कारण ठप्प हो चुका है। मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए नव-निहाल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिये एवं सरकारी राशि के अफरा- तफरी करने वाले जिला शिक्षा अधिकारी एवं उनके खास सहयोगी लिपिक को तत्काल जिले से हटाकर इनके क्रिया कलाप की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई है।
संविलियन के नाम पर खेल
Sidhi news:वरिष्ठ अधिवक्ता व समाजसेवी संतोष सिंह द्वारा आरोप लगाते हुए कहा गया है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल मिश्रा द्वारा विभाग में जमा करोड़ो रूपये की राशि में अनाप- सनाप बिल-व्हाउचर बनाकर हडपी गई है, जिसमे सम्बन्ध में शासन स्तर पर शिकायत प्रेषित की गई किन्तु विभाग जांच कराने की जहमत नहीं उठा पा रहा है। संविदाकर्मी जिनका कतिपय कारणों से पंचायत से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन नहीं हो पाया था। संविलियन के नाम से 50 हजार रूपये से लेकर 1 लाख रूपये तक वसूली कर संविलियन कराया गया है। इसी तरह स्कूलों में आडिट के नाम पर संकुल प्राचार्यों के ऊपर नाजायज दबाव बनाया जाता है। यहां पर उल्लेख करना आवश्यक है कि जो प्राचार्य सेवा निवृत्त वृत्त हुये है अथवा हो रहे है जन विद्यालयों में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की आडिटर- जूनियर आडिटर आडिट करने के नाम पर वसूली कर रहे हैं।