Sidhi news:मरीजों के भरोसे और इमोशन का फायदा उठा रहे डॉक्टर, मरीजों को खरीदनी पड़ रही महंगी दवाएं
डॉक्टर भगवान का रूप माना जाता है,
Sidhi news:डॉक्टर पर हर मरीज आंख बंद कर भरोसा करता है। इसी भरोसे का कई डॉक्टर फायदा उठा रहे हैं। दवा कंपनियों के साथ मिलकर डॉक्टर मरीजों से एक तरह से धोखा कर रहे हैं। खासकर कुछ कंपनियां इस गोरखधंधे को बढ़ावा दे रही हैं। यह कंपनियां डॉक्टर को शॉर्ट एक्सपायरी दवाओं को खपाने के एवज में 50 से 60 प्रतिशत तक कमीशन दे रही हैं। जिसका खामियाजा मरीजों को महंगे दाम चुकाकर भुगतना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ दवा कंपनियों द्वारा सामान्यतः 30 से 40 प्रतिशत कमीशन डॉक्टरों को दिया जाता है। इन कंपनियों की दवाएं वापस नहीं होती। इस वजह से दवाओं की एक्सपायरी का कम समय बचने पर मार्केटिंग पर्सन या एजेंट डॉक्टर को 50 से 60 प्रतिशत कमीशन तक देते हैं। मोटे कमीशन के लिए डॉक्टर भी इन कंपनियों की दवाएं मरीज के पर्चे पर धड़ल्ले से लिख रहे हैं। कई बार तो मरीजों को बेवजह अतिरिक्त दवाएं लिखी जाती है। जिससे मरीज को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
इन मेडिकल स्टोर के अलावा कहीं नहीं मिलती दवाएं
Sidhi news:कई बार आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा कि जिस डॉक्टर ने दवा लिखी है उसके क्लीनिक और अस्पताल के मेडिकल शॉप के अलावा वह दवा बाजार में कहीं नहीं मिली होगी। ऐसा इसीलिए होता है कि कमीशन के चक्कर में डॉक्टर वही दवा लिखता है जो दूसरी दुकान में न मिले। मजबूरी में मरीज को उसी दुकान से महंगी दवा खरीदनी पड़ती है। एजेंट दवा की खपत के मुताबिक डॉक्टर को हर माह कमीशन देता है।गुणवत्ता पर भी भरोसा नहींबताया जा रहा है कि कई दवा निमार्ताकंपनियां अक्सर ज्यादा कमीशन बांटने के बावजूद अपना मुनाफा कमाने के चक्कर में गुणवत्ता से समझौता करती है। इसका परिणाम यह होता है कि इन दवाओं से मरीजों को काफी देरी से आराम लगता है। इनका रेट भी काफी अधिक होता है।
सीधे कंपनी से बुला रहे दवाएं
Sidhi news:दवा कारोबारी सीधे निमार्ता कंपनी से मल्टीनेशनल कंपनियों की दवाओं जैसे दिखने वाली दवाएं बुलाते हैं। इन दवाओं के रेट भी अधिक होते है। एक्सपायरी होने पर इन दवाओं को निमार्ता कंपनी वापस नहीं लेती। इस वजह से विक्रेता डॉक्टर को ज्यादा कमीशन देकर मरीजों के पर्चे परलिखवाता है।