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Sidhi news:पटवारियों की मनमानी से राजस्व कार्यों में पेंच

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news:हल्का पटवारियों की तलाश में भटक रहे किसान 

Sidhi news:प्रदेश सरकार द्वारा राजस्व अभियान 3.0 शुरू किया गया है। अभियान के तहत जमीन संबंधित कार्यों का निराकरण होना है। सरकार शहरी और ग्रामीण इलाकों में परंपरागत रास्तों की पहचान कराने का काम कर रही है। ये परंपरागत मार्ग वे हैं जो गांवों में सालों तक पगडंडियां आवागवन के रूप में उपयोग में आते रहे हैं।

 

Sidhi news:अभियान के तहत एक महीने के डेड लाइन तय की गई है। सीधी जिले में भी 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत नामांतरण के लिए समय सीमा पार कर चुके विवादित एवं अविवादित मामलों का निराकरण तेजी से कराया जाएगा। नए प्रकरणों का समय सीमा में निराकरणहोना है। साथ ही उत्तराधिकार नामांतरण के अंतर्गत ग्राम के पटवारी से बी-1 कावाचन कराकर ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाएगी जिनकी मृत्यु हो चुकीहै। इसके बाद फौती नामांतरण की कार्यवाही होगी। बंटवारे के मामलों में भी तय सीमा पार कर चुके केसों का निराकरण होना है।

Sidhi news:नए प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण होगा। वहीं भूमि की सीमा नक्से में उपलब्ध होने पर विवादों का निराकरण किया जाएगा। वहीं जानकारों का कहना है कि सीधी जिले में हल्का पटवारियों की मनमानी के चलते अधिकांश कार्यों में पेंच फंसा हुआ है। पटवारियों द्वारा बंटवारा से संबंधित प्रकरणों में सौदेबाजी की जा रही है। यदि विवादित बंटवारा प्रकरण है तो उसमें भी सभी पक्षों की सहमति लेने की बजाय एक ही पक्ष के पक्षकार को मनमाना तौर पर भूमि का बंटवारा करने की साजिशें भी कुछ हल्का पटवारियों द्वारा की जा रही है। इसके लिए लाखों में सुविधा शुल्ककी मांग भी शुरू हो चुकी है। जो पक्षकार हल्का पटवारी को मुंह मांगी सुविधा शुल्क देने को राजी हैं उसमें अन्य भू स्वामियों के लिखित आपत्ति लगाने को भी नजर अंदाज किया जा रहा है। इस तरह की शिकायतें काफी संख्या में सामने आ रही हैं। यदि हल्का पटवारियों द्वारा मनमाना तौर पर पुल्ली फांट कर बंटवारा कराया जाता है तो इससे जमीनी विवाद सुलझने की बजाय और भी बढ़ेगे। अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण, नक्से पर तरमीम, पीएम किसान का सेचुरेशन, फार्मर रजिस्ट्री और स्वामित्व योजना से जुड़े प्रकरणों का निराकरण भी किया जा रहा है। जिला स्तर से बैठकों में लगातार जोर दिया जा रहा है कि राजस्व अभियान के दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण किया जाए।

सुविधा शुल्क का है बोलबाला

Sidhi news:देखा यह जा रहा है कि तहसील स्तर पर भी मनमानी तौर पर अपनी उपलब्धि दशनि के लिए यह देखने की जरूरत नहीं समझी जा रही है कि मामले विवादित है या फिर अविवादित हैं। अभियान की आड़ में जमीन संबंधी विवादों को और भी बढ़ाने का खेल हल्का पटवारियों द्वारा किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि अभियान के दौरान किसानों को लाभान्वित करने के लिए जो कार्य होने चाहिए उनमें भी सुविधा शुल्क का बोलबाला सबसे ज्यादा नजर आ रहा है। अधिकांश कार्यों में हल्का पटवारियों की भूमिका प्रमुख है। उनके द्वारा इसी वजह से मनमानी तौर पर कार्य भी शुरू कर दिए गए हैं। जिले में भूमि विवाद से संबंधित मामले न बहें इसको भी सुनिश्चित कराने का प्रयास होना चाहिए। आंकड़ों की संख्या उपलब्धि में दर्शाने के लिए भूमि विवाद के मामलों को गंभीरता के साथ निराकृत किया जाना चाहिए। तभी अभियान की सफलता सामने आएगी। मनमानी तौर पर यदि प्रकरणों का निराकरण होता है तो यह तहसील से निकलकर अपील में पहुंच जाएगे।

नक्सों के गायब होने से कई गांवों में उलझन

Sidhi news:पुराने बंदोबस्त के भूमि नक्सा गायब होने की खबरे लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। इसी वजह से जिला अधिवक्ता संघ सीधी द्वारा कुछ माह पूर्व कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कुछ गांवों के भूमि नक्सा गायब होने पर कार्यवाही की मांग की गई थी। सुनियोजित तरीके से कुछ गांवों के नक्से गायब करा दिए गए हैं। जिसके चलते कुछ भूमि स्वामियों के बंदोबस्त में हुए त्रुटि के मामलों का सुधार नहीं हो पा रहा है। इसी कड़ी में बहरी तहसील अंतर्गत ग्राम करकचहा सुखदेव का नक्सा भी शामिल है। इस गांव के साथ ही कुछ अन्य गांव के नक्से भी गायब हैं। जिसके चलते बंदोबस्त त्रुटि के चलते कुछ किसानों की भूमि पर सीमावर्ती किसानों का नक्सा मनमानी तौर पर आ गया है। पुराना नक्सा गायब हो जाने से ऐसे मामलों का निराकरण सालों से नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में प्रभावित किसान काफी अरसे से आवेदन देकर परेशान हैं। लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिल पा रही है। सीएम हेल्पलाईन में भी इस तरह की शिकायत महीनों से दर्ज हैं कि उनके गांव का पुराना नक्सा गायब हो जाने के कारण लोकसेवा गारंटी केंद्र में आवेदन देने के बाद भी नक्सा नहीं मिल पा रहा है। बताया गया है कि जिला अभिलेखागार से कई गांव के नक्से गायब हो चुके हैं। जिसको लेकर संबंधित अधिकारी गंभीर नहीं है। उनके द्वारा यह प्रयास नहीं किए जा रहे हैं कि जिन गांवों के पुराने नक्से गायब हैं उनकी व्यवस्था बनाई जाए। जिससे प्रभावित सैकड़ों किसानों की समस्याओं का निराकरण हो सके और उनके रिकार्ड में समूची भूमि का रकवा दर्ज होने के साथ नक्सा भी सही हो सके।

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