---Advertisement---

Indian history:जाने किस राजा के नाम पर बना है जयपुर शहर

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

Published on:

---Advertisement---

Indian history : भारत देश के अंतर्गत पिंक सिटी के नाम से जाने वाली यह जयपुर सिटी है। जिसका सदियों से एक पुराना नाता है यहां कई देशों के लोग व्यापार करने के लिए आया करते थे. खासकर अरब देशों के लोग यहां आकर ऊंट और घोड़े के माध्यम से व्यापार किया करते थे। व्यापारिक केंद्र होने की वजह से यह हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है।

Indian history :  यह तस्वीर लगभग 115 साल पुरानी है जिसे देखकर आप उसे समय की परिस्थितियों का अंदाजा साफ तौर पर लगा सकते हैं। तस्वीर में एक भी मोटरसाइकिल या गाड़ियों की छायाचित्र नहीं है क्योंकि उसे समय पर ऊंट घोड़े के अलावा पैदल लोग जाना पसंद करते थे। क्योंकि आवागमन के साधन केवल यही हुआ करते थे इसके लिए यहां लोग व्यापार करने के लिए अपने सामानों को इन्हीं के माध्यम से लाते थे।

यह तस्वीर आज शुक्रवार के दिन सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है जहां इस तस्वीर का एक इतिहास भी बताया जा रहा है।

तो आईए जानते हैं कि आखिर जयपुर सिटी का क्या इतिहास रहा है

राजस्थान के जयपुर को “पिंक सिटी” या गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाता रहा है, यह उस समय के भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी हुआ करती थी। इसका समृद्धशाली इतिहास, वास्तुकला, और व्यापारिक महत्व इसे भारत के प्रमुख शहरों में अपना एक स्थान दिलाता है।

Indian history : जाने जयपुर का इतिहास

सबसे पहले हम आपको उसे समय की राजधानी जयपुर की स्थापना के बारे में बताएंगे। इस जयपुर की स्थापना 1727 में आमेर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के द्वारा की गई थी। यह शहर उनके नाम पर रखा गया था।

यह जयपुर भारत का पहला योजनाबद्ध शहर है। इसे वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार डिजाइन किया गया, जिसमें बंगाल के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य ने योगदान दिया।

1876 में, प्रिंस ऑफ वेल्स (बाद में किंग एडवर्ड VII) के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग में रंगा गया। तभी से इसे “पिंक सिटी” कहा जाने लगा।

Indian history : व्यापारिक केंद्र के रूप में इसका विकास

आपको बतादे की यह जयपुर अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण प्राचीन समय से व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। यह दिल्ली, गुजरात, और मध्य भारत के बीच स्थित है, जिससे यह एक व्यापारिक मार्ग पर स्थित है।

वही यह शहर रत्नों और आभूषणों के व्यापार के लिए विश्व प्रसिद्ध है। जहा जयपुर में बनने वाले कुंदन, मीनाकारी और पोल्की आभूषणों की मांग भारत और विदेशों में बहुत अधिक है।

सबसे खास बात यह है कि जयपुर अपनी ब्लू पॉटरी, लाख की चूड़ियों, हाथ से बनी कालीनों और संगमरमर की मूर्तियों के लिए भी प्रसिद्ध है।

पर्यटन को भी किया गया विकसित

आपको बतादे की जयपुर का पर्यटन उद्योग भी इसके व्यापारिक महत्व को बढ़ाता है। हवा महल, आमेर किला, जंतर मंतर, और सिटी पैलेस जैसे स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

जाने जयपुर का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

जयपुर की स्थापत्य कला में राजपूत, मुगल और यूरोपीय शैली का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। यहाँ जंतर मंतर (विश्व धरोहर स्थल) खगोल विज्ञान में महाराजा जयसिंह की गहरी रुचि को दर्शाता है। साथ ही यह शहर राजस्थान की संस्कृति, लोक संगीत, और नृत्य का प्रमुख केंद्र है। 

जयपुर सिटी का महत्व

यह जयपुर भारत देश के राजस्थान के सबसे बड़े व्यापारिक और औद्योगिक केंद्रों में से एक है। इसे “गोल्डन ट्रायंगल” (दिल्ली, आगरा, जयपुर) में शामिल किया गया है, जो भारत का प्रमुख पर्यटन मार्ग है। जयपुर अब स्मार्ट सिटी मिशन का भी हिस्सा है और तेजी से आधुनिक विकास की ओर अग्रसर है।

जयपुर का समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, और व्यापारिक योगदान इसे भारत के सबसे प्रतिष्ठित शहरों में से एक बनाता है।

Follow On WhatsApp
Follow On Telegram
Manoj Shukla

Manoj Shukla

मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

---Advertisement---

Leave a Comment