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Sidhi news:कवि सम्मेलन से लौटते ही कवि अरूणेन्द्र ने किया रक्तदान

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Sidhi news:कवि न केवल शब्दों के शिल्पकार होते हैंए बल्कि समाज के प्रति अपने कर्तव्यों कानिर्वहन भी पूरे संवेदनशील हृदय से करते हैं। इसका जीवंत उदाहरण उस समय देखने को मिला, जब सीधी जिले के युवा कवि अरूणेन्द्र सिंह ने अपनी संवेदनशीलता और मानवीय कर्तव्य का परिचय देते हुए एक जरूरतमंद मरीज को रक्तदान कर जीवनदान दिया। जिला अस्पताल सीधी में भर्ती 45 वर्षीय मणीन्द्र प्रताप सिंह जॉन्डिस पीलिया से पीड़ित थे, जिनका हीमोग्लोबिन गिरकर मात्र 4.6 ग्राम रह गया था। रक्त की अत्यंत आवश्यकता थी, लेकिन परिजन तमाम प्रयासों के बावजूद रक्त की व्यवस्था नहीं कर पा रहे थे।

Sidhi news:इसी दौरान यह खबर कवि अरूणेन्द्र सिंह के पास पहुँची, जो बाबा महाराज देवरी मे आयोजित एक कवि सम्मेलन से लौटे थे। उन्होने बिना विलंब किए जिला अस्पताल पहुँचकर गुरूवार को रक्तदान किया और मणीन्द्र प्रताप की डूबती सांसों को संजीवनी दी। अरूणेन्द्र सिंह चौहान के पिता देवेन्द्र प्रताप सिंह शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बढौना में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थ हैं। संस्कारों की इसी बगिया में पले-बढ़े अरूणेन्द्र ने रक्तदान को महादान बताते हुए कहा कि एक यूनिट रक्त किसी की धड़कनों को थाम सकता है। किसी के जीवन को रोशन कर सकता है। उन्होंने समाज से अपील की कि रक्तदान को सेवा का महान पर्व मानकर अधिक से अधिक लोग इस पुण्य कार्य में सहभागी बनें। कवि ने अपनी कविता की पंक्तियों में कहा खून से लाल है ये धरती, खून से ही बहती रवानी है। किसी के जीवन का सूरज तुमसेएकिसी की सांसों की कहानी है। इस भावपूर्ण सेवा ने सिद्ध किया कि साहित्यकार केवल शब्द नहीं रचते, वे जीवन रचते हैं।

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Manoj Shukla

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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