“सभ्यता की पहली रोशनी: 4500 ईसा पूर्व में उभरी सुमेरियन संस्कृति ने रचा इतिहास, दुनिया की पहली लिपि ‘quiniform’ का किया आविष्कार”
quiniform : दुनिया की सबसे प्राचीन और उन्नत सभ्यताओं में गिनी जाने वाली सुमेरियन सभ्यता लगभग 4500 ईसा पूर्व दक्षिणी मेसोपोटामिया (वर्तमान इराक) क्षेत्र में उभरी थी। इतिहासकारों के अनुसार यह सभ्यता मानव इतिहास की नींव रखने वाली प्रमुख संस्कृतियों में से एक मानी जाती है।
सुमेरियों की सबसे बड़ी देन मानी जाती है quiniform लेखन प्रणाली, जिसे दुनिया की पहली ज्ञात लिपि के रूप में स्वीकारा गया है। यह लेखन प्रणाली मुख्यतः मिट्टी की तख्तियों पर कील के आकार के चिन्हों के रूप में उकेरी जाती थी। क्यूनिफॉर्म का उपयोग सुमेरियन समाज में विवाह, व्यापार, कानून, कर और साहित्य जैसे क्षेत्रों में व्यापक रूप से किया जाता था। यही लिपि आगे चलकर अकाडियन, बाबिलोनियन और असीरियन सभ्यताओं में भी अपनाई गई।
सुमेरियन लोगों ने कई शहर-राज्य (city-states) स्थापित किए, जिनमें उरुक, उर और एरिडू प्रमुख थे। प्रत्येक शहर-राज्य का अपना शासक होता था और सभी का सामाजिक और धार्मिक केंद्र होता था एक विशाल ज़िगुराट — ईंटों से बना एक पिरामिडनुमा मंदिर, जो उस नगर के मुख्य देवता को समर्पित होता था। इन ज़िगुराटों में न केवल पूजा-अर्चना होती थी, बल्कि यह समाज के ज्ञान और प्रशासन का केंद्र भी होते थे।
सुमेरियन सभ्यता ने न केवल लेखन, प्रशासन और वास्तुकला में योगदान दिया, बल्कि खगोलशास्त्र, गणित, कृषि और समय की गणना जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण प्रगति की। उन्होंने 60 के आधार पर गणना प्रणाली (sexagesimal system) विकसित की, जो आज भी समय और कोण मापन में प्रयुक्त होती है।
इस तरह, सुमेरियन सभ्यता न केवल मानव इतिहास की प्रथम लिखित संस्कृति मानी जाती है, बल्कि उसकी वैज्ञानिक और सामाजिक उपलब्धियाँ आज भी हमारी सभ्यता की नींव में मौजूद हैं।
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