संवाददाता-: अनिल शर्मा
Sidhi news:सीधी जिले के आदिवासी अंचल में स्थित आदिवासी बालक आश्रम अंतरैला आज पूरे क्षेत्र में आदर्श छात्रावास के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। जहां आमतौर पर आश्रमों में अव्यवस्था, भोजन की अनियमितता और स्वच्छता की समस्याएँ सुनने को मिलती हैं, वहीं अतरैला आश्रम अपने बेहतर प्रबंधन और मानवीय दृष्टिकोण से बच्चों और अभिभावकों का विश्वास जीत रहा है।
मेनू के अनुसार पौष्टिक भोजन और विशेष देखरेख
Sidhi news:यहां बच्चों को प्रतिदिन मेनू के अनुसार पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन दिया जाता है। खास बात यह है कि अधीक्षक खुद पहले भोजन का स्वाद चखते हैं, उसके बाद ही बच्चों को परोसा जाता है। बच्चे बताते हैं कि यहां उन्हें घर जैसी सुविधा मिलती है। कपड़े धोने से लेकर बर्तन साफ करने तक की व्यवस्था मौजूद है, जिससे किसी बच्चे को कोई परेशानी नहीं होती।
अनुशासन और स्वच्छता की मिसाल
आश्रम में अनुशासन और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। सोने से पहले अधीक्षक खुद बच्चों के बिस्तर बनवाते हैं और पूरे परिसर की साफ-सफाई कराते हैं। इस माहौल का असर यह है कि बच्चे भी मिल-जुलकर रहते हैं और पढ़ाई के साथ खेलकूद में भी सक्रिय रहते हैं।
गांव के प्रतिनिधियों ने भी की सराहना
Sidhi news:गांव के सरपंच प्रतिनिधि महेंद्र सिंह का कहना है कि वे अक्सर आश्रम का निरीक्षण करते हैं और हर बार यहां की अनुशासनप्रिय और स्वच्छ व्यवस्था देखकर प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा, “आज तक मुझे यहां किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नजर नहीं आई। यहां का वातावरण इतना सकारात्मक है कि मैंने कई बार यहां भोजन किया है और हर बार वह बेहद स्वादिष्ट रहा है। साथ ही एक सुंदर गार्डन भी है जिसकी देखरेख स्टाफ स्वयं करता है।”
बच्चों का उज्ज्वल भविष्य गढ़ता आश्रम
Sidhi news:अंतरैला आश्रम न सिर्फ बच्चों को शिक्षा दे रहा है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित, अनुशासित और स्नेहमयी वातावरण भी उपलब्ध करा रहा है। यही वजह है कि यहां के बच्चे खुद को घर जैसा सुरक्षित महसूस करते हैं और पढ़ाई के साथ जीवन मूल्यों को भी आत्मसात कर रहे हैं।
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