Mp news:मऊगंज में डीजीआर कंपनी घोटाले के पीड़ितों ने एएसपी से लगाई गुहार, 2 करोड़ की ठगी में आरोपी अब भी आज़ाद
Mp news : मऊगंज में बहुचर्चित डीजीआर कंपनी घोटाले के पीड़ितों ने गुरुवार शाम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। निवेशकों ने बताया कि करीब 2 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के इस प्रकरण में पांच साल बीत जाने के बावजूद न तो किसी आरोपी की गिरफ्तारी हुई है और न ही चार्जशीट पेश की गई है।
पीड़ित निवेशकों लालमणि अवधिया, जगदीश प्रसाद शुक्ला, अंजनी कुमार श्रीवास्तव सहित कई लोगों ने बताया कि उन्होंने डीजीआर फर्म्स एंड लीजियर्स लिमिटेड और डीजीआर क्रेडिट एंड को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में एफडी (Fixed Deposit), आरडी (Recurring Deposit) और शेयर योजनाओं में निवेश किया था। कंपनी ने रीवा और मऊगंज शाखाओं से बॉन्ड, पासबुक और प्रमाणपत्र जारी कर निश्चित ब्याज व समय पर भुगतान का वादा किया था।
Mp news : हालांकि, वर्ष 2019-2020 में परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं मिला। इसके बाद कंपनी के कार्यालय अचानक बंद कर दिए गए और संचालक लापता हो गए। निवेशकों ने आरोप लगाया कि कंपनी के संचालक आज भी भोपाल, रीवा और मऊगंज क्षेत्रों में खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि पुलिस ने अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की है।
गौरतलब है कि 29 दिसंबर 2020 को मऊगंज थाने में एफआईआर क्रमांक 0775/2020 दर्ज की गई थी। इस प्रकरण में कंपनी के संचालक उमेश गुप्ता, राकेश गुप्ता, महेन्द्र प्रताप सिंह, निवेदिता गुप्ता, उमेश सोनी और शंकरलाल गुप्ता सहित अन्य के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश) और निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था।
निवेशकों का कहना है कि उन्होंने वर्षों की मेहनत की कमाई इस भरोसे पर लगाई थी कि उन्हें सुरक्षित रिटर्न मिलेगा, लेकिन कंपनी के संचालक पैसा लेकर फरार हो गए। अब पीड़ितों ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई कर दोषियों की गिरफ्तारी और निवेश राशि की वापसी की मांग की है।
