Mpnews:मऊगंज में न्याय का दोहरा पैमाना? नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी पर कार्रवाई तेज नहीं, लोग बोले—“बुलडोजर सिर्फ टीवी पर चलता है क्या?”
Mpnews:मध्यप्रदेश में अपराधियों पर बुलडोजर चलाने और “बेटियों की सुरक्षा” के दावों के बीच मऊगंज का एक मामला प्रशासन के रवैए पर सवाल खड़ा कर रहा है। लौर थाना क्षेत्र में 17 वर्षीय छात्रा के साथ हुए कथित ‘लव जिहाद’ के मामले में आरोपी सलमान खान जेल तो पहुंच गया, लेकिन जिस तेज़ी से ऐसे मामलों में अवैध संपत्ति ढहाने या प्रशासनिक दबाव बनाने की कार्रवाई होती है, वह यहां पूरी तरह गायब है।
जानकारी के मुताबिक आरोपी सलमान खान शादीशुदा है और तीन बच्चों का पिता है। उसने खुद को अविवाहित बताकर 11वीं की छात्रा को प्रेमजाल में फंसाया और करीब 9 महीने तक रीवा में बंधक बनाकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा। मामला बेहद गंभीर है, और कानूनी तौर पर उसके खिलाफ धाराएं दर्ज भी हो चुकी हैं। लेकिन स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर यह मामला सरकार द्वारा प्रचारित “त्वरित प्रशासनिक सख्ती” की श्रेणी से बाहर क्यों है?
लौर और मऊगंज के आमजन अब खुलकर कह रहे हैं कि “जब आरोपी रसूखदार, बाहुबली या राजनीतिक छत्रछाया में होते हैं, तब ही प्रशासन की मशीनरी रातों-रात सक्रिय होती दिखाई देती है।”
मऊगंज एक छोटा जिला है, जहाँ दो विधायक हैं—लोगों की माने तो दोनों अक्सर प्रशासनिक और सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहते हैं, पर इस घटना पर अब तक न तो कोई बड़ा बयान आया है और न ही आरोपी के अवैध निर्माणों की जांच शुरू हुई है।
Mpnews:जनता का सवाल साफ है—
अगर पीड़ित किसी ताकतवर परिवार से होती, या आरोपी किसी आम नागरिक की तरह नहीं बल्कि सत्ता से जुड़े व्यक्ति के नजदीक होता, तो क्या अब तक कार्रवाई इतनी ढीली रहती?
प्रदेश में कई बार देखा गया है कि अपराध दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर ही बुलडोजर आरोपी के घर के सामने खड़ा मिल जाता है। लेकिन लौर की इस घटना ने लोगों के मन में संदेह और आक्रोश दोनों पैदा कर दिए हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह मामला सिर्फ अपराध का नहीं बल्कि सरकारी प्रतिबद्धता और न्याय की समानता की परीक्षा है।
लोगों का मांग है “अगर सरकार सच में बेटियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है, तो इस मामले में भी वही सख्ती दिखे जो प्रचार में दिखाई देती है।”
