Sidhi crime:देवमठ के 200 साल पुराने शिव-पार्वती मंदिर में तोड़फोड़ व चोरी, गुंबज-ध्वजा खंडित, त्रिशूल व घंटा गायब
Sidhi crime:जिले के कुसमी जनपद पंचायत अंतर्गत वन परिक्षेत्र देवमठ में स्थित प्राचीन भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती के मंदिर में अज्ञात व्यक्ति द्वारा की गई तोड़फोड़ और चोरी की घटना से पूरे क्षेत्र में आक्रोश और शोक का माहौल है। यह मंदिर बनास नदी के किनारे स्थित है और विजय घाट वघवण्डाधाम के नाम से प्रसिद्ध है, जिसे ग्रामीण लगभग 200 वर्षों से अधिक पुराना आस्था का केंद्र मानते हैं।
जानकारी के अनुसार अज्ञात व्यक्ति ने मंदिर की ध्वजा उखाड़ दी, गुंबज को खंडित कर दिया, परिसर में व्यापक तोड़फोड़ की और साधुओं के रुकने के कमरे को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं, मंदिर से कीमती तांबे व पीतल की धातुएं चोरी कर ली गईं। मंदिर के गुंबज में लगे तांबे-पीतल के हिस्से, तीन तांबे के त्रिशूल और एक घंटा भी चोरी कर लिया गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे श्रद्धालुओं में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
Sidhi crime:मंदिर के पुजारी विजय पटेल ने बताया कि इस मंदिर को वन विभाग की ओर से वनाधिकार पट्टा प्राप्त है। यह स्थान न केवल कुसमी जनपद के 15 गांवों बल्कि शहडोल जिले के 15 से 20 गांवों के लोगों की आस्था का केंद्र है। हर वर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गोकुल यादव नामक चरवाहे को वर्षों पूर्व बनास नदी के तट पर भगवान शंकर की मूर्ति प्राप्त हुई थी, जिसके बाद यह स्थल धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ।
मंदिर का निर्माण गांव निवासी स्वर्गीय सुखदेव गुप्ता द्वारा कराया गया था। घटना की सूचना साधू द्वारा करीब 15 दिन पहले मझौली थाना में मौखिक रूप से दी गई थी, जबकि रविवार शाम करीब 4 बजे पुजारी और ग्रामीणों ने लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।
थाना प्रभारी मझौली विशाल शर्मा ने बताया कि मामले में आवेदन प्राप्त हुआ है। पुलिस टीम का गठन कर दिया गया है और साक्ष्यों, मुखबिर तंत्र एवं तकनीकी जांच के माध्यम से घटना का खुलासा कर आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं क्षेत्रवासियों और पुजारी ने श्रद्धालुओं से मंदिर की व्यवस्था पुनः बहाल करने में सहयोग की अपील की है।
