दो साल से ‘डेड नेटवर्क’ बना नईगढ़ी: बीएसएनएल की लापरवाही से जनता बेहाल, पूर्व विधायक तक को OTP के लिए कलेक्ट्रेट की दौड़
मऊगंज जिले के नईगढ़ी क्षेत्र में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की मोबाइल सेवा OTP पिछले दो वर्षों से लगभग पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। हालात ऐसे हैं कि नेटवर्क की स्थिति “नाम मात्र” रह गई है। इस गंभीर समस्या ने न केवल आम उपभोक्ताओं की दिनचर्या को प्रभावित किया है, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की कार्यक्षमता पर भी सीधा असर डाला है।
नईगढ़ी में बीएसएनएल उपभोक्ता बीते दो सालों से कॉल ड्रॉप, नेटवर्क न मिलना और संदेश न पहुंचने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। मजबूरी में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने अपनी बीएसएनएल सिम को निजी टेलीकॉम कंपनियों में पोर्ट करा लिया है। इसके बावजूद कुछ लोग आज भी सरकारी कंपनी पर भरोसा किए हुए हैं, लेकिन उन्हें हर कदम पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस मुद्दे पर मऊगंज जिले के तीन बार के पूर्व विधायक डॉ. आई. एम. पी. वर्मा ने खुलकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने बताया कि वे पिछले 15 वर्षों से बीएसएनएल की सिम का उपयोग कर रहे हैं और अब तक न तो सिम बंद कराई है और न ही पोर्ट करवाई। बावजूद इसके, पिछले दो सालों से नेटवर्क की स्थिति इतनी खराब है कि ओटीपी, बैंकिंग संदेश या अन्य जरूरी सूचनाएं प्राप्त करने के लिए उन्हें मऊगंज कलेक्ट्रेट कार्यालय तक जाना पड़ता है।
डॉ. वर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब एक पूर्व जनप्रतिनिधि को इस स्तर की असुविधा झेलनी पड़ रही है, तो आम नागरिकों की हालत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। नईगढ़ी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को छोटे-छोटे कामों—जैसे ऑनलाइन लेनदेन, सरकारी पोर्टल पर लॉगिन या जरूरी कॉल—के लिए भी मऊगंज की यात्रा करनी पड़ रही है।
बीएसएनएल की यह बदहाल नेटवर्क व्यवस्था न केवल उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, बल्कि देश की सबसे बड़ी सरकारी टेलिकॉम कंपनी की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही नेटवर्क व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो बीएसएनएल का बचा-खुचा भरोसा भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा। OTP तक नहीं आता है।
