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ayurvedic:एक औषधि जिससे होते हैं कई मर्ज दूर,अदरक है रामबाण

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Ayurvedic : एक औषधि जिससे होते हैं कई मर्ज दूर,अदरक है रामबाण

 Ayurvedic : भारत देश में पहले इलाज आयुर्वेद के माध्यम से होता था आयुर्वेद में जड़ी बूटी और पेड़ के फल फूल तथा छालों की वजह से हमारे रोगों को दूर करने का प्रयास किया जाता था। लेकिन समय बदला प्रवेश बदला जंगली खत्म होते चले गए और अब उनका स्थान सभी दवाइयां ने ले लिया जहां पर मार्केट में अब काफी मात्रा में दवाइयां उपलब्ध होने शुरू हो गई है अब वह लैब में बनाई जाती हैं और उनका हम उपयोग करते हैं।

Ayurvedic: लेकिन प्रयोगशाला में बनी हुई दवाइयां का उपयोग काफी खतरनाक हो सकता है जिसमें अंग डैमेज होने की संभावना ज्यादा रहती है। लेकिन बात करें अगर आयुर्वेदिक औषधि की तो आयुर्वेदिक औषधि को उसे करने में कोई भी परेशानी नहीं हुआ करती थी।

इसीलिए आज हम आपको ऐसी एक औषधि के फ़ायदों के बारे में बताने वाले है जो सभी के रसोई में भी आसानी से मिल जाता है जिसका अदरक नाम है। इस अदरक में कई औषधीय गुण होने के कारण यह आयुर्वेद में इसे महा औषधि के रूप मे माना गया है। जहाँ यह गर्म, तीक्ष्ण, भारी, पाक में मधुर, भूख बढ़ाने वाला, पाचक, चरपरा, रुचिकारक, त्रिदोष मुक्त यानी वात, पित्त और कफ नाशक इस औषधि के माध्यम से होता है।

Ayurvedic : जहा वैज्ञानिकों के अनुसार इस महा औषधि अदरक की रसायनिक संरचना में लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा भाग मे जल होता है, जबकि सोंठ में इसकी मात्रा लगभग 10 प्रतिशत हुआ करती है। इसके अलावा स्टार्च 53 प्रतिशत, प्रोटीन 12.4 प्रतिशत, रेशा (फाइबर) 7.2 प्रतिशत, राख 6.6 प्रतिशत, तात्विक तेल (इसेन्शियल ऑइल) 1.8 प्रतिशत तथा औथियोरेजिन मुख्य रूप में इसमें पाए जाते हैं।

जहा अब इस अदरक को सुखाने पर जो प्राप्त होता है उससे सौंठ कहा जाता रहा है। वही सोंठ में प्रोटीन, नाइट्रोजन, अमीनो एसिड्स, स्टार्च, ग्लूकोज, सुक्रोस, फ्रूक्टोस, सुगंधित तेल, ओलियोरेसिन, जिंजीवरीन, रैफीनीस, कैल्शियम, विटामिन `बी` और `सी`, प्रोटिथीलिट एन्जाइम्स और लोहा भी इसमें मिला करते हैं। यह प्रोटिथीलिट एन्जाइम के कारण ही सोंठ कफ हटाने व पाचन संस्थान में विशेष गुणकारी सिद्ध हुआ करती है।

Ayurvedic : चलिए जानते है अदरक के फायदे 

बालों के रोग को करें दूर – अब हम इस औषधि के फायदे के बारे में बात करने वाले हैं तो इसका प्रयोग लोग बहुत मात्रा में किया करते थे। जहा अदरक और प्याज का रस सेंधानमक के साथ मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से गंजेपन से राहत मिला करती है।

Ayurvedic : हाथ-पैर सुन्न हो जाने मे है यह रामबाण

इसके अलावा अदरक जब सुख जाती है तो वह सोंठ बन जाती है। इसलिए सोंठ और लहसुन की एक-एक गांठ को पानी डालकर पीस लें तथा इसके बाद प्रभावित अंग पर इसका लेप करें। सुबह खाली पेट जरा-सी सोंठ और लहसुन की दो कली प्रतिदिन 10 दिनों तक चबाने से इसमें पूरा आराम हो जाता है।

जुकाम मे असरदार – ठंडी का सीजन आते ही लोगों को अक्सर सर्दी हो जाती है और जुखाम हो जाता है। ऐसे में जुकाम में यह काफी असरदार है। जहा सौंठ और गुड़ पानी में डालकर उबाल लिया जाए इसके बाद जब यह चौथाई रह जाए तब सुहाता-सुहाता छानकर उसे पी जाएं। इतना ही नहीं गले में ठंडक और खराश होने पर अदरक चूसें अथवा अदरक के छोट-छोटे टुकड़े, अजवायन, दाना मेथी और हल्दी प्रत्येक आधा-आधा चम्मच भरकर एक गिलास पानी में इसे उबालें। इसके बाद जब आधा पानी बच जाए तब इसमें स्वादानुसार जरा-सा गुड़ मिलाकर छानकर रात को सोते समय यह काढ़ा पी कर सो जाना चाहिए, तुरंत आराम मिलता है।

Ayurvedic : कब्ज को करें जड़ से ख़त्म – इसके बाद इस अदरक के रस को 10 मिलीलीटर को थोड़े-से शहद में मिलाकर सुबह पीने से शौच खुलकर आया करती है।इसके अलावा यदि एक कप पानी में एक चम्मच भर अदरक को कूटकर पानी में 5 मिनट तक उबाल लें फिर उसका सेवन छानकर करसे कब्ज नहीं रहती है वह पूरी तरह से ख़त्म हो जाती है।

सफेद दाग से मिलेगा छुटकारा – अगर चेहरे में सफेद दाग हैं तो यह आपके लिए काफी असरदार साबित होने वाला है। 30 मिलीलीटर अदरक का रस और 15 ग्राम बावची को एक साथ मिलाकर और भिगोकर रख देंना चाहिए। जब अदरक का रस और बावची दोनों सूख जायें तब इन दोनों के बराबर लगभग 45 ग्राम चीनी को मिलाकर पीस लेना चाहिए। जहा अब इसकी एक चम्मच की फंकी को ठंडे पानी से डेली 1 बार खाना खाने के एक घंटे के बाद लेने से सफ़ेद दाग़ से छूटकारा मिलता है।

Ayurvedic :सिर का दर्द करें ख़त्म – अदरक के रस और दूध को बराबर मात्रा में मिलाकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है। इसके अलावा अदरक का रस, गुड़, सेंधानमक और पीपल को एक साथ घिस लें और पानी के साथ सूंघने से सिर की सभी बीमारियां ठीक हो जाया करती हैं।

मस्सा और तिल कर देता है गायब – इसके. साथ ही साथ अदरक के एक छोटे से टुकड़े को काटकर छील लेना चाहिए और उसकी नोक बना लेना चाहिए, उसके बाद फिर मस्से पर थोड़ा सा चूना लगाकर अदरक की नोक से धीरे-धीरे घिसने से मस्सा बिना किसी आप्रेशन के कट जायेगा और त्वचा पर कोई निशान भी नहीं पडे़गा। बस शुरू में थोड़ी सी सूजन आया करेंगी पर घबराना नहीं है।

Ayurvedic : गठिया मे भी है असरदार – 10 ग्राम सोंठ 100 मिलीलीटर पानी में उबालकर ठंडा होने पर शहद या शक्कर मिलाकर सेवन करने से गठिया रोग दूर हो जाता है।

जोड़ों का दर्द का कर तुरंत अंत – अदरक के एक किलोग्राम रस में 500 मिलीलीटर तिल का तेल डालकर आग मे चढाकर उसे पकाना चाहिए, जब रस जलकर तेल मात्र रह जाये।  तब उस वक्त उतारकर उसे छान लेना चाहिए। तब इस तेल की शरीर पर मालिश करने से जोड़ों की पीड़ा मिटती है। 

Ayurvedic: दमा के दम को निकालने मे माहिर – लगभग एक ग्राम अदरक के रस को एक ग्राम पानी से सुबह-शाम लेने से दमा और श्वास रोग ठीक हो जाते हैं। 

हृदय रोग मे असरदार – इतना नहीं अदरक का रस तथा शहद, दोनों को मिलाकर नित्य उंगली से धीरे-धीरे चाटें। दोनों की मात्रा आधा-आधा चम्मच होनी चाहिए इससे हृदय रोग में लाभ मिलता है।

Ayurvedic : बवासीर नाशक है यह – भारत देश में सबसे ज्यादातर होने वाली बीमारियों में से एक है बवासीर जिसे यह आसानी से दूर कर देता है। बस आपको अदरक 500 ग्राम और पीपल 250 ग्राम को मिलाकर पेस्ट बनाकर इसे 500 ग्राम घी में पकायें। कालीमिर्च, चाव-चितावर, नाग केसर, पीपलामूल, इलायची, अजमोद, कालाजीरा और हर्रे। जहाँ सब थोड़े-थोड़े से बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनायें। वही अदरक और पीपल से बने पेस्ट को इस चूर्ण के साथ मिलाकर इसमें 1 किलो गुड़ की चासनी बनाकर डालें। जिसके बाद गुड़ और बाकी पेस्ट से बने गाढ़े चासनी को 60 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से पाक बवासीर, कामला, अरुचि और मंदाग्नि बवासीर ठीक होता है।

एलर्जी नाशक – अदरक के रस में थोड़ा-सा जीरा तथा पुराना गुड़ मिलाकर सेवन करने से एलर्जी के रोग में लाभ होता है।

Ayurvedic: जुकाम : 10 ग्राम अदरक को 10 ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर थोड़ा सा गर्म करके रोजाना रात को सोते समय खाने से बार-बार जुकाम होने का रोग ठीक हो जाता है। इसको खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

पेट के सभी प्रकार के रोग – पिसी हुई सोंठ एक ग्राम, जरा-सा हींग और सेंधानमक को पीसकर चूर्ण बनाकर गर्म पानी के साथ फंकी के रूप में सेवन करने से पेट के दर्द में लाभ होता है।

हाजमे की खराबी के करें अंत – हाजमे में भी इसके लिए काफी सारे नुस्खे बताए गए हैं. अदरक का रस आधा चम्मच, सेंधानमक 1 चुटकी और नींबू का आधा चम्मच रस को मिलाकर सुबह और शाम खाना खाने के बाद सेवन करने से हाजमे की खराबी में लाभ होता है।

Ayurvedic : बहरापन – अदरक का रस हल्का गर्म करके बूंद-बूंद कान में डालने से बहरापन भी नष्ट हो जाता है।

कान का दर्द – कान में मैल जमने के कारण, सर्दी लगने के कारण, फुंसियां निकलने के कारण या चोट लगने के कारण कान में दर्द हो रहा हो तो अदरक के रस को कपड़े में छानकर हल्का सा गर्म करके 3-4 बूंदें कान में डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है। अगर पहली बार डालने से दर्द नहीं जाता तो इसे दुबारा डाल सकते हैं।

कान में आवाज होना करता है दूर – लगभग 6 मिलीलीटर अदरक का रस, 3 ग्राम शहद, लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग सेंधानमक और 3 ग्राम तिल के तेल को एक साथ मिलाकर रोजाना 2-3 बूंदे कान में डालने से कान का दर्द, कानों में अजीब सी आवाजे सुनाई देना और कानों से सुनाई न देना (बहरापन) आदि रोग दूर हो जाते हैं।

Ayurvedic: कमर दर्द – 10 मिलीलीटर अदरक के रस में 5 ग्राम घी मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से कमर दर्द में लाभ करता है।

मासिक-धर्म की अनियमितता – अजवायन का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में गर्म दूध के साथ सेवन करने से रुका हुआ मासिक धर्म नियमित रूप से आना शुरू हो जाता है।

गुर्दे के रोग – अदरक का रस 10 मिलीलीटर में हींग भूनी लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग पीसकर नमक मिलाकर पीयें।

दस्त – रात को सोने से पहले अदरक को पानी में डाल दें, सुबह इसे निकालकर साफ पानी के साथ पीसकर घोल बनाकर 1 दिन में 3 से 4 बार पीने से अतिसार (दस्त) समाप्त हो जाता है।

 

मसूढ़ों से खून आना : मसूढ़े में सूजन हो या मसूढ़ों से खून निकल रहा हो तो अदरक का रस निकालकर इसमें नमक मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम मसूढ़ों पर मलें। इससे खून का निकलना बंद हो जाता है।

निमोनिया : एक-एक चम्मच अदरक और तुलसी का रस शहद के साथ देने ये निमोनिया का रोग दूर होता है।

गैस का बनना : अदरक 3 ग्राम, 10 ग्राम पिसा हुआ गुड़ के साथ सेवन करने से अफारा या पेट की गैस को समाप्त करता है।

 

सर्दी, जुकाम और खांसी : अदरक की चाय जुखाम, खांसी, और सर्दी के दिनों में बहुत लाभप्रद है। तीन ग्राम अदरक और 10 ग्राम गुड़ दोनों को पाव भर पानी में उबालें, 50 मिलीलीटर शेष रह जाने पर छान लें और थोड़ा गर्म-गर्म ही पीकर कंबल ओढ़कर सो जायें।

आधे सिर का दर्द, गर्दन का दर्द, मांसपेशियों का दर्द : यदि उपरोक्त कष्ट अपच, पेट की गड़बड़ी से उत्पन्न हुए हो तो सोंठ को पीसकर उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर लुग्दी बनाकर तथा हल्का-सा गर्म करके पीड़ित स्थान पर लेप करें। इस प्रयोग से आरम्भ में हल्की-सी जलन प्रतीत होती है, बाद में शाघ्र ही ठीक हो जाएगा। यदि जुकाम से सिरदर्द हो तो सोंठ को गर्म पानी में पीसकर लेप करें। पिसी हुई सौंठ को सूंघने से छीके आकर भी सिरदर्द दूर हो जाता है।

Ayurvedic : हिचकी : अदरक के बारीक टुकड़े को चूसने से हिचकी जल्द बंद हो जाती है। घी या पानी में सेंधानमक पीसकर मिलाकर सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।

पेट दर्द : अदरक के रस में नींबू का रस मिलाकर उस पर कालीमिर्च का पिसा हुआ चूर्ण डालकर चाटने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।

किन्हे अदरक का सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए

अदरक की प्रकृति गर्म होने के कारण जिन व्यक्तियों को ग्रीष्म ऋतु में गर्म प्रकृति का भोजन न पचता हो, कुष्ठ, पीलिया, रक्तपित्त, घाव, ज्वर, शरीर से रक्तस्राव की स्थिति, मूत्रकृच्छ, जलन जैसी बीमारियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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Manoj Shukla

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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