Bandhavghar: बांधवगढ़ के बाघों ने बनाया नया ठिकाना – 11 माह में 6 बाघों की शिफ्टिंग

February 3, 2025, 9:55 PM
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Bandhavghar: बांधवगढ़ के बाघों ने बनाया नया ठिकाना – 11 माह में 6 बाघों की शिफ्टिंग

 

Bandhavghar: उमरिया। बाघों की धरती कहे जाने वाले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (BTR) के बाघ अब दूसरे जंगलों में अपनी दहाड़ से नई पहचान बना रहे हैं। बीते 11 महीनों में 6 बाघों को BTR से अन्य टाइगर रिजर्व और जू में शिफ्ट किया गया, जिससे इन क्षेत्रों में बाघों की संख्या संतुलित बनी रहे।

संघर्ष से बचाव, बाघ संरक्षण का प्रयास

Bandhavghar: बांधवगढ़ में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जब दो बाघों का क्षेत्र एक हो जाता है, तो उनमें संघर्ष की स्थिति बनती है। बाघ संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए, जरूरत के अनुसार बाघों को दूसरे टाइगर रिजर्व में भेजा जाता है। यदि कोई बाघ जंगल में सुरक्षित नहीं रह सकता, तो उसे जू में शिफ्ट किया जाता है।

किन बाघों को कहां भेजा गया?

➡️ 27 मार्च 2024 – नर बाघ वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, सागर नौरादेही

➡️ 27 मार्च 2024 – बाघिन रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व, नौरादेही

➡️ 8 अप्रैल 2024 – नर बाघ मुकुंदपुर जू

➡️ 3 मई 2024 – बाघिन वन विहार, भोपाल

➡️ 23 दिसंबर 2024 – नर बाघ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम

➡️ 14 जनवरी 2025 – नर बाघ संजय टाइगर रिजर्व

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बांधवगढ़ की भूमिका अहम

Bandhavghar: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पी. के. वर्मा ने बताया कि BTR बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां से अन्य जंगलों में बाघ भेजकर उनकी संख्या को संतुलित किया जाता है, जिससे न केवल बाघों का कुनबा बढ़ता है बल्कि जंगलों में उनका प्राकृतिक साम्राज्य भी मजबूत होता है।

संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

Bandhavghar: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की इस पहल से देशभर में बाघों की संख्या और उनके रहवास क्षेत्रों का बेहतर संतुलन बनेगा। इस प्रकार, BTR न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में बाघ संरक्षण का केंद्र बनकर उभरा है।

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