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Sidhi news:मयापुर में अवैधानिक तरीके से संचालित हो रहे क्रेशर

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Sidhi news:अपना कमीशन लेने तक सीमित रह गए जिम्मेदार, कभी निरीक्षण की नही समझते जरूरत

संवाददाता अविनय शुक्ला

Sidhi news:सीधी जिले के बहरी तहसील अन्तर्गत मयापुर में नियमो को ताक में रख कर क्रेशरों का संचालन किया जा रहा है मयापुर क्षेत्र में चल रहे क्रेशरो में न तो पर्यावरण प्रदूषण को रोकने का इंतजाम किया गया और न ही श्रम विभाग के नियमो का पालन ही किया जा रहा। अधिकांश क्रेशरों में अवैध उत्खनन कर पत्थरों का भंडारण किया जा रहा है। इतना ही नहीं क्रेशर संचालन के लिए निर्धारित भूमि लीज के बाहर जाकर क्रशर संचालक मनमाने तरीके से गौण खनिजों का उत्खनन कर रहे हैं जिससे शासन को राजस्व की राशि का नुकशान हो रहा है। स्टोन क्रेसरो – में नियमो के अनुसार डस्ट रोकने के लिये शेड का निर्माण न करने से दिन भर उड़ने वाले डस्ट से उपजाऊ खेत बंजर हो रहे हैं तो वही मजदूरों से बगैर श्रम विभाग के पंजीयन के महज 150 रु दिन में बिना किसी सुरक्षाउपकरणों के ही काम कराया जा रहा है जिससे गरीब मजदूरों का शोषण के साथ साथ स्वास्थ में भी असर पड़ रहा है।

Sidhi news:सरकार ने भले ही माफियादमन दल का गठन कर माफियो के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दिए है लेकिन जिले में खनिज माफियो को सरकार और प्रशासन के आदेश होने के बाद भी क्रेसर संचालक मनमाने ढंग से क्रेसर चला कर सरकार को लाखों का राजस्व का चूना भी लगा रहे है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन क्रेशरों की ओर देखने की भी जरूरत नहीं समझते है। अधिकारियों के पास समय-समय पर कमीशन पहुंचता रहता है जिसकी वजह से ये सभी नियमों को ताक पर रखकर क्रेशरों का संचालन करने में आमदा है।

Sidhi news:मानकों का नही कर रहे पालनः क्रेशर प्लांट से उड़ेने वाली धूल डस्ट से आसपास रहने वाले ग्रामीणों को प्रदूषण से बचाने का कोई इंतजाम नही किया जा रहा। बता दें कि क्रेशर संचालको द्वारा लाइसेंस लेने के लिए नियम का पालन करने की लिखित अनुमति दी जाती है, इसके बावजूद नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। तहसील क्षेत्र के रसूखदारों के आधा दर्जन से ज्यादा क्रेशर प्लांट संचालित हैं। कई संचालक शासन की ओर से निर्धारित मानकों का पालन नहीं करते हैं,जिसकी सजा ग्रामीण भुगत रहे हैं। ग्रामीणों ने क्रेशर से उड़ रही धूल को बंद कराने प्रशासन से मांग की है।

 

Sidhi news:वन विभाग की संपूर्ण संलिप्तताः क्रेशर संचालन के लिए वन विभाग द्वारा वन सीमा ढाई सौ मीटर की दूरी पर ही क्रेशर संचालन की अनुमति दी जाती है लेकिन मायापुर में चलने वाले सभी स्टोन क्रेशर वन सीमा के अंदर ही संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन सुविधा शुल्क लेकर इन प्लांटों की ओर देखने की जरूरत नही समझी जा रही है।

Sidhi news:अफसरों का मिला है आशीर्वाद

Sidhi news:मयापुर में संचालित होने वाले केशर प्लांटों में न तो बाउंड्रीवाल है और ना ही पानी का छिड़काव होता। फिर भी यह केशर नियमों को ताक पर रखकर अफसरों के आशीर्वाद से चल रहे है। इन्ही केशरों के पास स्कूल व ऑगनवाड़ी केंद्र भी संचालित कराये जा रहे है। प्रदूषण इतना कि रोड से निकलने वाले वाहन तक नहीं दिखते। दोपहिया वाहन चालक व राहगीर धूल के कड़ आंख में आने से कई बार भिड़-भिड़ जाते हैं। वहीं पास में बस्ती के लोग केशर के प्रदूषण से त्रस्त हो चुके चुके हैं, लेकिन ये केशर संचालक अपनी मनमानी पर उतारू है।

 

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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