Election news:छपरा में खेसारी लाल यादव की पहली चुनावी पारी अधूरी, बीजेपी की छोटी कुमारी ने दी करारी शिकस्त
Election news:बिहार विधानसभा चुनाव में छपरा सीट पर बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला, जहां पहली बार मैदान में उतरे भोजपुरी स्टार और आरजेडी प्रत्याशी खेसारी लाल यादव को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी की उम्मीदवार छोटी कुमारी ने खेसारी को करीब 8 हजार वोटों से पराजित कर सीट पर कब्जा बरकरार रखा। हालांकि आधिकारिक घोषणा बाकी है, लेकिन रुझानों व गणना से साफ हो गया है कि छपरा में इस बार भी बीजेपी की बढ़त कायम रही।
Election news : चुनाव प्रचार के दौरान खेसारी लाल यादव ने अपनी लोकप्रियता, सोशल मीडिया अभियान और जनसंपर्क के जरिए माहौल बनाने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने एनडीए सरकार पर तीखे हमले किए और कहा कि बीते बीस वर्षों में बिहार में विकास नाम की कोई चीज नहीं हुई, जिस कारण राज्य का युवा पलायन करने को मजबूर है। लेकिन भारी प्रचार के बावजूद अंतिम परिणाम उनके पक्ष में नहीं जा सके।
छपरा सीट पर मुकाबला हर बार की तरह इस बार भी रोमांचक रहा। शुरुआत में खेसारी कुछ चरणों तक बढ़त बनाते दिखे, लेकिन वोटों की गिनती आगे बढ़ने के साथ ही छोटी कुमारी लगातार बढ़त हासिल करती गईं। जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी छोटी कुमारी को बीजेपी ने इस बार नया चेहरा बनाकर मैदान में उतारा था, और उन्होंने अपने अनुभव और जमीनी पकड़ का पूरा लाभ उठाया।
चुनाव परिणामों के बाद खेसारी लाल यादव ने बड़ी विनम्रता के साथ प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “लोग बहुत अच्छे हैं, वे कभी बुरे नहीं होते। मैं हमेशा लोगों के बीच रहूंगा। जब मेरे पास कहने के लिए कुछ होगा, तब कहूंगा।” उनकी यह प्रतिक्रिया बताती है कि हार के बावजूद उनका जनता से जुड़ाव और राजनीतिक सफर जारी रहने वाला है।
छपरा सीट भाजपा के लिए हमेशा खास रही है। 2010, 2015 और 2020 में यहां बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। इस बार कुल 10 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खेसारी की लोकप्रियता के बावजूद स्थानीय मुद्दों और संगठन की मजबूती ने छोटी कुमारी को बढ़त दिलाई।
पहले इस सीट से आरजेडी ने खेसारी की पत्नी चंदा देवी को टिकट दिया था, लेकिन एक दिन बाद ही फैसला बदलते हुए खेसारी को मैदान में उतारा गया। बावजूद इसके, उम्मीदवार बदलने का फायदा पार्टी को नहीं मिल पाया।
छपरा का यह चुनाव बताता है कि स्टारडम चुनावी जमीन पर तभी असर दिखाता है, जब संगठन, रणनीति और स्थानीय समीकरण साथ हों।
