Hindu Wedding Ritual: क्यों Groom अंगूठी से भरता है Bride की मांग में Sindoor? जानें इस Sacred Tradition का रियल मीनिंग
Hindu Wedding Ritual:भारतीय विवाह अपनी भव्यता, भावनाओं और अनगिनत रस्मों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। हिंदू शादी में हर एक Ritual का अपना विशेष महत्व होता है—फिर चाहे वह सात फेरे हों, कन्यादान हो या फिर मांग में सिंदूर भरने की पवित्र विधि।
इन्हीं रस्मों में सबसे महत्वपूर्ण है Sindoor Ceremony, जिसमें दूल्हा अपनी दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह सिंदूर अंगूठी से ही क्यों भरा जाता है? इस प्राचीन परंपरा के पीछे अद्भुत विश्वास और गहरा आध्यात्मिक अर्थ छिपा है।
Ancient Tradition: अंगूठी से सिंदूर भरने की पुरानी परंपरा
हिंदू धर्म में अंगूठी से मांग भरना सदियों पुरानी प्रथा है। माना जाता है कि हाथ की ring finger सीधे हृदय तक पहुंचने वाली नाड़ी से जुड़ी होती है। इसलिए, अंगूठी प्रेम, विश्वास और हृदय के बंधन का प्रतीक मानी जाती है।
जब दूल्हा अंगूठी की मदद से दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है, तो यह संकेत माना जाता है कि वह अपने हृदय से उसे स्वीकार कर रहा है और जीवनभर उसकी रक्षा और सम्मान करेगा।
Symbol of Strength, Prosperity & Love
सिंदूर को हमेशा से शक्ति, सौभाग्य, समृद्धि और वैवाहिक जीवन की लंबी उम्र का प्रतीक माना गया है।
अंगूठी से सिंदूर भरने के पीछे 3 बड़े आध्यात्मिक अर्थ जुड़े हैं –
1. Purity of Bond – अंगूठी वैवाहिक रिश्ते की पवित्रता और मधुरता को दर्शाती है।
2. Strength & Commitment – यह दर्शाता है कि दूल्हा अपनी दुल्हन का जीवनभर साथ निभाने का संकल्प ले रहा है।
3. Prosperity & Blessings – ऐसा माना जाता है कि अंगूठी से भरा सिंदूर दांपत्य जीवन में समृद्धि, खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
Why Ring Instead of Fingers?
Hindu Wedding Ritual:परंपरानुसार, सीधे हाथ से सिंदूर भरने की तुलना में अंगूठी का उपयोग अधिक शुभ माना जाता है।
अंगूठी धातु से बनी होती है, जो energy conductor मानी जाती है।
यह सकारात्मक ऊर्जा को दुल्हन तक पहुंचाती है।
यह वैवाहिक बंधन की स्थिरता का प्रतीक है, जो धातु की मजबूती जैसी होनी चाहिए।
साथ ही, यह प्रक्रिया को अधिक ritualistic, graceful और ceremonial बना देती है, जिसके चलते यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
सिन्दूर: A Mark of Married Life
शादी के बाद महिला अपनी मांग में सिंदूर धारण करती है। यह न सिर्फ उसके विवाह का प्रतीक है, बल्कि उसे समाज में सम्मान, संरक्षण और शुभता की पहचान भी देता है।
सिंदूर को कुमकुम भी कहा जाता है और इसका उपयोग देवी शक्ति की पूजा में भी किया जाता है, इसलिए इसे अत्यंत पवित्र माना गया है।
निष्कर्ष
अंगूठी से सिंदूर भरने की परंपरा सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि हिंदू विवाह का सबसे sacred moment है—एक ऐसा क्षण जो दो दिलों, दो परिवारों और दो आत्माओं को जीवनभर के लिए जोड़ देता है।
यह Ritual प्रेम, विश्वास, वचन और समर्पण का सुंदर प्रतीक है, जिसे आज भी पूरे सम्मान और भावना के साथ निभाया जाता है।
