Historical place : 16 कलाओं से मिलकर बना आदुतिये बलदाऊ जी का एक मात्र मंदिर ,
जिसमे 16 सीढ़ी, 16 झरोखे, 16 गुम्बद और 16 स्तंभ, लंदन के सेंटपॉल चर्च जैसा ,अद्भुत है दाऊ का मंदिर
Historical place : मध्यप्रदेश के हीरो और मंदिरों एवं हीरा नगरी पन्ना में एक ऐसा अद्भुत मंदिर मौजूद है.जिसका नजारा देख लोग हो जाते है हैरान,,मध्यप्रदेश के पन्ना में भगवान कृष्ण की 16 कलाओं से प्रभावित इस मंदिर में भगवान कृष्ण के बड़े भाई (दाऊ) बलदेवजी विराजमान है पन्ना में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर स्थापित है. यह मंदिर बाहर से लंदन के सेंट पॉल चर्च का प्रतिरूप नजर आता है. अंदर से पश्चिमी एवं भारतीय स्थापत्य कला का समावेश दिखाई देता है.
Historical place : प्राचीन मान्यता प्रचलित है कि 143 वर्ष पूर्व महाराजा श्री रुद्र प्रताप सिंह जू देव वृंदावन गए थे और अपने साथ बहुत सारा धन लेकर गए थे. उन्होंने वह धन ब्राह्मणों को दान किया. वहां से भगवान श्री बलदेव जी की बड़े कद की प्रतिमा लेकर आए थे. यह मंदिर श्री रुद्र प्रताप सिंह जूदेव ने इस मंदिर का नक्शा इटली के इंजीनियर ने तैयार किया था. इस मंदिर में पश्चिमी और भारतीय शैली की झलक देखने मिलती है.इसे संवत 1933 में मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया था.
जो संवत 1936 में पूर्ण हुआ, यानी सन 1876 में मंदिर का निर्माण कर शुरू हुआ था.यह इकलौता व अनोखा मंदिर है,जिसमे हरछठ को विशेष होता है जिसमे भगवान का जन्म ,12 बजे दिन में होता है भगवान की पूजा में देश विदेश से भक्त आते है ,मंदिर को देख मनमोहित होते है
हीरो और मंदिरों के लिए जाना जाने वाला पन्ना शहर में स्थापित बलदेवजी मंदिर विश्व में अनोखा व अद्वितीय है. यह मंदिर पन्ना के तत्कालीन महाराज रुद्र प्रताप जू देव ने बनवाया था. इसका नक्शा इटली के इंजीनियर मेटले ने तैयार किया था. जो पन्ना रियासत के इंजीनियर नियुक्त थे. इसी कारण इस मंदिर में पश्चिमी एवं भारतीय शैली का समावेश है, जो अपने आप में विश्व को अनूठा संदेश देता है क्योंकि इस मंदिर में श्री कृष्ण की 16 कलाओं के तर्ज पर यह मंदिर स्थापित किया गया है. जैसे 16 सीढ़िया, 16 स्तंभ, 16 झरोखे, 16 गुंबद और 16 मंडप हैं. यह मंदिर इटली के इंजीनियरिंग का कमाल का प्रदर्शन करता है, क्योंकि यह मंदिर इस तरह से डिजाइन किया गया है भगवान की प्रतिमा के दर्शन मुख मार्ग से ही हो जाते हैं. जो अपने आप में अद्भुत है.
Historical place : आपको बता दे कि यह मंदिर पन्ना शहर के अंदर है जिसे बलदाऊ मंदिर के नाम से जाना जाता है मंदिर का शिखर स्वर्ण कलश से सुशोभित है। महाराजा रूद्रप्रताप सिंह को कृषि से अत्यधिक लगाव था, इसलिए उन्होंने हलधर भगवान श्री बल्देव जी की नयनाभिराम कृष्णवर्णी प्रतिमा मंदिर के गर्भग्रह में प्रतिष्ठित कराई थी। यह अनूठा मंदिर राज्य की पुरातात्विक धरोहर में शामिल किया गया है।
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