India’s Real-Life Mowgli: दीना सानिचर की True Story जिसने बनाया The Jungle Book का Hero
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के Bulandshahr जिले के घने जंगलों से जुड़ी एक रहस्यमयी और भावनात्मक कहानी आज भी लोगों को हैरान कर देती है। यह कहानी है India’s Real Mowgli कहे जाने वाले दीना सानिचर (Dina Sanichar) की। 1860 के दशक में जन्मे दीना का बचपन किसी Film Script से कम नहीं था। माना जाता है कि वे बहुत छोटी उम्र में अपने परिवार से बिछड़ गए और जंगल (Forest) में भेड़ियों (Wolves) के साथ रहने लगे।
साल 1867 में कुछ Hunters ने उन्हें पहली बार एक गुफा में देखा, जहाँ वे भेड़ियों के बीच जानवरों की तरह चारों हाथ-पैरों पर चलते हुए पाए गए। पहले तो शिकारी उन्हें किसी जंगली प्राणी समझ बैठे, लेकिन बाद में पता चला कि वे इंसान (Human) हैं। इसके बाद उन्हें Agra के Sikandra Mission Orphanage ले जाया गया, जहाँ शनिवार को लाए जाने के चलते उनका नाम रखा गया Dina Sanichar।
अनाथालय में उनका Life Struggle आसान नहीं था। करीब 21 Years तक वहीं रहते हुए उन्होंने इंसानों की तरह चलना, खाना और बोलना सीखा, लेकिन पूरी तरह इंसानी समाज में ढलना उनके लिए कठिन साबित हुआ। वे Raw Meat खाते थे, Bones चबाते थे और Communication के लिए Words नहीं, बल्कि Sounds का इस्तेमाल करते थे। उनके Body Language और Behaviour पर जंगल की गहरी छाप थी।
इसी Real Incident ने ब्रिटिश लेखक Rudyard Kipling को Inspire किया और उन्होंने अपने World Famous Character Mowgli को जन्म दिया। उनके द्वारा लिखी गई The Jungle Book आज Global Level पर Popular है — Cartoon Series, Movies, Animated Shows और Kids Books के रूप में।
हालांकि दीना सानिचर की Real Life दुखद रही और सिर्फ 29 साल की उम्र में उनका निधन हो गया, लेकिन उनका सफर आज भी दुनिया को यह Message देता है कि Nature, Humanity और Social Relationships मिलकर ही मानव जीवन को पूर्ण बनाते हैं।
