Indira gandhi : पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे उनकी एक ही बेटी थी जिनका नाम इंदिरा नेहरू रखा गया था। भारत उसे समय अंग्रेजों का गुलाम था लेकिन फिर भी पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गांधी जी के साथ मिलकर कई आंदोलन में भाग लिया और एक माहिती भूमिका निभाई और आखिरकार भारत देश को आजाद करा दिया।
Indira gandhi : इसके बाद गिफ्ट के तौर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारत देश का प्रथम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। कई सालों तक हुए प्रधानमंत्री रहे लेकिन उनकी बेटी उधर एक दूसरे ही समुदाय के व्यक्ति के साथ प्यार के जाल में फंस गई। फिरोज खान नाम के एक व्यक्ति के साथ इंदिरा गांधी का खूब प्यार परवान चढ़ा।
आखिरकार इंदिरा गांधी ने फिरोज खान से शादी करने के लिए अपने पिता से प्रस्ताव किया लेकिन उनके पिता नहीं माने। हिंदू कल में जन्मे पंडित जवाहरलाल नेहरू नहीं जाते थे कि उनकी बेटी की शादी दूसरे समुदाय के किसी व्यक्ति के साथ हो। लेकिन फिर भी इंदिरा गांधी के आगे उनको विवश होना पड़ा।
Indira gandhi : आखिरकार इंदिरा गांधी ने फिरोज खान के साथ शादी कर ली जहां फिरोज खान एक पारसी समुदाय के व्यक्ति थे जो पारसी होने की वजह से इंदिरा को काफी दुख झेलना पड़ा। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें नेहरू नाम के शब्द लगाने की इजाजत नहीं दी और उन्हें बेदखल कर दिया।
इसके बाद महात्मा गांधी आगे बढ़े और पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा नेहरू को अपना सरनेम गांधी सौंप दिया। इसके बाद से इंदिरा गांधी और उनके पूरे कुल का नाम गांधी शब्द के अंतर्गत आने लगा। अब इंदिरा नेहरू और इंदिरा खान की जगह इंदिरा गांधी हो गई।
हालांकि इतिहासकार अभी भी इंदिरा गांधी को इंदिरा खान के नाम से ही जानते हैं। क्योंकि भारत देश से एक पुरुष प्रधान देश है जिसके बाद पुरुष की सरनेम की उनकी पत्नी को रखना अनिवार्य होता था। लेकिन उसे समय एक गांधी शब्द का प्रचलन हुआ जिसके बाद उन्होंने अपना सरनेम चेंज कर लिया।हालांकि इस बात पर कितनी सच्चाई है और कितनी नहीं इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है।
जहा इंदिरा गाँधी की शादी फ़िरोज़ गांधी जो के एक पारसी परिवार से थे, से 25 मार्च 1942 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुई।