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Indian history:मुंबई की लाइफ लाइन के बारे में जाने इतिहास

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Indian history:मुंबई की लाइफ लाइन के बारे में जाने इतिहास

 

Indian history : भारत देश का वाणिज्यिक शहर के नाम से मुंबई को लोग जानते हैं इस फिल्म सिटी के नाम से भी लोग इसे कहते हैं लेकिन इसके अंतर्गत एक खास जानकारी निकलकर सामने आ रही है जिसे आप लोगों में से शायद कुछ ही लोग हैं जो इसे जानते हैं.

मुंबई में एक स्थान है जिसे मुंबई की लाइफ लाइन कहा जाता है क्योंकि मुंबई की लगभग आधी जनसंख्या इसी से होकर गुजरती है लगभग 50 लाख लोग प्रतिदिन इसी रेलवे स्टेशन से सफर किया करते हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए यहीं से उन्हें लोकल ट्रेन मिलती है जिसके माध्यम से सभी लोग अपने स्थान तक पहुंच पाते हैं। मुंबई के किसी कोने में जाना हो और आपको लोकल ट्रेन की जरूरत हो तो आपको इसी स्टेशन पर जाना होगा हालांकि इस हेरिटेज स्थान भी दिया गया है।

आपको बतादे की मुंबई का विक्टोरिया टर्मिनस (Victoria Terminus) यानी अब जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) के नाम से जाना जाता है। भारत देश के सबसे प्रसिद्ध रेलवे स्टेशनों में से यह एक है। जहा यह एक ऐतिहासिक और भव्य इमारत के रूप मे मशहूर है, जो मुंबई की एक पहचान बन चुकी है।

Indian history : आइए जानते है इसका निर्माण और इतिहास

इसका निर्माण वर्ष – साल 1878 में निर्माण शुरू हुआ और 1887 में पूरा हुआ। ब्रिटिश शासन के दौरान, ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (GIPR) ने इसे बनवाया था। इसके अलावा इसे ब्रिटिश वास्तुकार फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस (Frederick William Stevens) ने इसे डिज़ाइन किया था।

वही इसे सन 1887 में महारानी विक्टोरिया के गोल्डन जुबली 50 साल के शासन काल के सम्मान में ‘विक्टोरिया टर्मिनस’ नाम दिया गया था। जिसके बाद 1996 में इसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST) रखा दिया गया था।साथ ही साल 2017 में इसे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) नाम दिया गया।

Indian history : इसकी वास्तुकला और डिज़ाइन

अब हम इसकी वास्तुकला और डिजाइन के बारे में आपको हम विस्तृत रूप से जानकारी देंगे। यह गोथिक रिवाइवल और भारतीय वास्तुकला का सुंदर संगम है। जहा इसमें इटालियन, विक्टोरियन और भारतीय स्थापत्य शैली का मिश्रण दिखता है।वही इसकी छतें, गुंबद, मेहराब और स्टोन नक्काशी इसे बेहद आकर्षक बनाती हैं।

साथ ही इमारत के ऊपर एक 8 फीट ऊंची विक्ट्री (Victory) की मूर्ति है, जो ब्रिटिश शासन की शक्ति को दर्शाती थी। इस स्टेशन पर बनीं काँच की खिड़कियां, लकड़ी के दरवाजे और नक्काशीदार पत्थर की दीवारें इसकी खासियत हैं।

इसे आखिर क्यों लोग जानते हैं

आपको बतादे की UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट मे इसे शामिल किया गया है. साल 2004 में इसे युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला। इसके अलावा यह मुंबई की लोकल ट्रेन (मुंबई की लाइफलाइन) और लंबी दूरी की ट्रेनों का प्रमुख टर्मिनल है।

इतना ही नहीं यह स्टेशन कई बॉलीवुड फिल्मों में दिखाया गया है, जैसे “स्लमडॉग मिलियनेयर”, “चेन्नई एक्सप्रेस” और “आर. राजकुमार”। यह स्टेशन रात में लाइटिंग के साथ बेहद खूबसूरत दिखाई देता है.

सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यहाँ से हर दिन 30 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। जहा यह भारतीय रेलवे का एक प्रमुख टर्मिनल है, जहां से मध्य रेलवे (Central Railway) की ट्रेनें चलती हैं।

वही इस स्टेशन पर अत्याधुनिक सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं, जैसे स्वचालित टिकट मशीनें, एस्केलेटर, वाई-फाई, रेस्टोरेंट और वेटिंग रूम। साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस सिर्फ एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि भारत की विरासत और मुंबई की पहचान है। जहा इसकी भव्य वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और रेलवे नेटवर्क में अहम भूमिका इसे खास बनाती है।

आपको बतादे की मुंबई में विक्टोरिया टर्मिनस टर्मिनल ट्रेन स्टेशन की 1903 की स्टीरियोग्राफिक छवि, जो 1887 में बनकर तैयार हुई और अब यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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