इतिहास में तारीखें महत्वपूर्ण क्यों होती हैं
एक वक्त था जब इतिहासकार तारीखों के जादू में खोए रहते थे

आम समझ के हिसाब से इतिहास को तारीखों का पर्याय माना जाता था आपने भी लोगों को यह कहते सुना होगा इतिहास तो बहुत उबाऊ है बस रटते चलो क्या इतिहास के बारे में यह धारणा सही है
रोजमर्रा की जिंदगी में हम अपने आसपास की चीजों पर हमेशा ऐतिहासिक सवाल नहीं उठाते चीजों को स्वाभाविक मानकर चलते हैं मानो जो कुछ भी हमें दिख रहा है वह हमेशा से ऐसा हो लेकिन हमारे सामने कभी-कभी अचंबे के क्षण आते हैं
सड़क के किनारे चाय के घूंट भरते देखकर आप इस बात से हैरान हो सकते हैं की चाय या कॉफी पीने का चलन कब से शुरू हुआ होगा रेल की खिड़की से बाहर झाँकते हुए आपके जहन में यह सवाल उठ सकता है की रेल का निर्माण कब हुआ
यह उसे जमाने में चाय ही नहीं लोगों का इससे बहुत ही खास तरीके से स्वागत किया जाता था यदि कोई मेहमान आ जाता था तो उसे चाय जरूर पिलाई जाती थी कभी अदरक कभी इलायची काफी मसालेदार चाय बनाई जाती थी