धर्म-कर्म

Shiv Sati Story: भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम, त्याग और समर्पण की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं.

Shiv Sati Story: भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम, त्याग और समर्पण की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, माता पार्वती ने अपने पिता दक्ष प्रजा पति की इच्छा के विरुद्ध भगवान शिव से प्रेम विवाह रचाया था. विवाह के बाद शिव-पार्वती के जीवन में काफी उथल-पुथल हुई थी. एक वक्त आया जब माता पार्वती ने ऐसा भयावह रूप धारण कर लिया कि भगवान शिव देखकर भयभीत हो गए और इधर-उधर भागने लगे. इसके बाद भगवान शिव को माता सती से माफी मांगनी पड़ी. तो चलिए पंडित इंद्रमणी घनस्याल से जानते हैं भगवान शिव और माता पार्वती की ये पौराणिक कथा.सती को जाने से रोकाशिव से प्रेम विवाह रचाने के कारण दक्ष प्रजापति अपनी पुत्री सती से अप्रसन्न रहने लगे थे. एक बार दक्ष प्रजापति ने दिव्य यज्ञ में सभी देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन माता सती को नहीं बुलाया. जब ये बात सती को पता चली तो उन्होंने प्रभु शिवजी से यज्ञ में जाने की अनुमति मांगी, लेकिन महादेव ने ये कहते हुए मना कर दिया कि बिना बुलावे के किसी शुभ कार्य में जाना मृत्यु के समान है. महादेव ने कहा कि पिता दक्ष ये यज्ञ अपमान के उद्देश्य से ही कर रहे हैं, इसलिए ससुराल में अपमान होना मृत्यु से कम नहीं है.

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