Lord RAM:यहाँ लक्ष्मण से मिलने आते हैं भगवान राम

September 15, 2024, 3:05 PM
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Lord RAM : एक ऐसा मंदिर जहां हर वर्ष अपने भाई लक्ष्मण से मिलने आते हैं भगवान राम,

1000 साल पुरानी मान्यता को आज भी मानते हैं लोग, जानें इसकी खास बातें

चंदेरी में निकला भव्य विशाल जलझूलनी एकादशी पर डोल ग्यारस पर्व पर चल समारोह

खास बात यह है कि जो भी डोले को रोकता है दूसरे दिन उसको समाज का भंडारा करना पड़ता है
ज़िला कलेक्टर परिवार सहित रहे शामिल की आरती
आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व
डोल ग्यारस को परिवर्तिनी एकादशी भी कहा जाता है
कृष्ण मंदिरों में होती साज सज्जा, निकलती हैं झांकियां

Lord RAM : अशोकनगर के सर्वार्थ सिद्ध योग में शनिवार को डोल ग्यारस एकादशी मनाई गई एकादशी से गणेश जी की विदाई का सिलसिला शुरू हो जाता है मान्यता के अनुसार इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप का जल विहार पूजन किया जाता है इसलिए डोल ग्यारस कहते हैं,

Lord RAM : अशोकनगर जिले की ऐतिहासिक नगरी चंदेरी में बड़े ही धूमधाम और उत्साह और भव्यता के साथ डोल ग्यारस पर पर चल समारोह निकाला जो लक्ष्मण मंदिर को भव्यता के साथ सजाया गया था मंदिर पर चल समारोह पहुंचा जहां पर परिवार सहित पहुंच कर ज़िला कलेक्टर द्वारा महाआरती पूजन अर्चना की गई तो बही कलेक्टर की श्रीमती द्वारा राम जानकी जी को गाने पर प्रस्तुति दी

Lord RAM : भगवान राम के बिना दिखते हैं भाई लक्ष्मण

इस मंदिर की विशेषता है कि इस मंदिर भगवान लक्ष्मण अपने बड़े भ्राता भगवान राम के बिना दर्शन देते हैं। साथ ही इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण, हनुमान जी और शंकर जी का भी मंदिर है। बताया जाता है कि देश का यह मंदिर पहला ऐसा अनोखा मंदिर है जहां भगवान लक्ष्मण अपने भाई के बिना दर्शन देते हैं। वहीं, स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां डोल ग्यारस के दिन भगवान राम अपने अनुज लक्ष्मण से मिलने के लिए यहां आते है।

मंदिर बुंदेली तर्ज पर तैयार किया गया है

परमेश्वर ताल के निकट स्थित, लक्ष्मण मंदिर को, कहा जाता है कि 18 वीं सदी में 7वें बुंदेली राजा अनिरुद्ध सिंह द्वारा बनवाया गया था। हालांकि, एक स्तंभ की नक्काशी और कुछ मूर्तियाँ से संकेत मिलता है कि यह मंदिर और भी पुराने काल की है संभवतः गुर्जर प्रतिहार काल की। शेषनाग मंदिर की मुख्य मूर्ति है। मंदिर के मध्य में एक बड़ा तालाब होने से इस मंदिर की खूबसूरती और बढ़ जाती है।

चंदेरी के डोल ग्यारस पर्व की बड़ी महत्वता

जिसमे सबसे बड़ी बात है कि विमान में छेड़ने की प्रथम है और जो भी अपने घर के सामने से विमान को रोकता है या छेड़ता उसको अपने समाज के लिए भंडारा करना पड़ता है और दूसरे दिन विमान अपने मंदिर पर पहुंचता है जिसमे मंदिर को भव्य बनाने के लिए प्रशासन द्वारा सजाया गया है जिसमे ग्यारह सो दीपकों से साथ ग्यारह पंडितो के द्वारा महाआरती भी गई ।
डोल ग्यारस के अवसर पर देश के सभी प्रमुख कृष्ण मंदिरों में पूजा अर्चना होती है भगवान कृष्ण की मूर्ति को एक लकड़ी के बने डोले में विराजमान कर उसको नगर भ्रमण कराया जाता इस अवसर पर कई शहरों में भी चल समारोह का आयोजन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है

Lord RAM : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पहुंच कर की थी जन्माष्टमी पर्व पर पूजार्चन

ऐतिहासिक नगरी चंदेरी में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी पहुंचकर जन्माष्टमी कार्यक्रम पर लक्ष्मण मंदिर पर पूजन अर्चन कर शामिल हुए थे बता दें कि यह क्षेत्र का बहुत ही प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर है

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