Mpnews:नईगढ़ी नगर परिषद में राजनीतिक विस्फोट, अविश्वास प्रस्ताव के बीच गुपचुप बनी पीआईसी भंग, तीन पार्षदों के इस्तीफे से बढ़ा घमासान!
Mpnews:नईगढ़ी नगर परिषद में पिछले कुछ महीनों से simmer कर रहा सियासी संघर्ष अब खुलकर टकराव में बदल गया है। परिषद अध्यक्ष नागिता गुप्ता के खिलाफ 15 में से 12 पार्षदों द्वारा दायर अविश्वास प्रस्ताव पहले ही राजनीतिक हलचल को तेज कर चुका था, इसी बीच चुपचाप गठित की गई नई स्थायी समितियों (पीआईसी) ने विवाद को और भड़का दिया है।
सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष ने नई पीआईसी का गठन करते हुए उपाध्यक्ष विभा शर्मा समेत रतनलाल मिश्र, प्रियंका सिंह पटेल, रामा आदिवासी और समयलाल साकेत को समिति में शामिल किया था। लेकिन यह कदम उल्टा पड़ गया। जानकारी बाहर आते ही परिषद में राजनीतिक आक्रोश फूट पड़ा।
सबसे बड़ी चोट तब पहुंची जब उपाध्यक्ष विभा शर्मा ने समिति में शामिल होने से साफ मना कर दिया। उनका कहना है कि वे पहले से मंडल अध्यक्ष होने के साथ दो शैक्षणिक संस्थानों का संचालन कर रही हैं, ऐसे में नई समिति को समय देना संभव नहीं है। इसी बीच रामा आदिवासी और समयलाल साकेत सीधा परिषद कार्यालय पहुंचे और समिति सदस्यता से त्यागपत्र सौंप दिया। तीन सदस्यों के बाहर होने के बाद पीआईसी पूरी तरह निष्प्रभावी हो गई और उसका गठन शून्य में बदल गया।
Mpnews :पार्षद महेश पटेल ने अध्यक्ष पर नियम विरुद्ध तरीके से बैठक बुलाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लंबित हो, उसे किसी तरह की आधिकारिक बैठक करने का अधिकार नहीं बचता। पार्षदों की मांग है कि बैठक अध्यक्ष कक्ष के बजाय सभागार में हो और उसकी अध्यक्षता किसी निष्पक्ष पार्षद को सौंपी जाए।
पूर्व पार्षद शीतला प्रसाद कुशवाहा ने भी मोर्चा खोलते हुए कहा कि जब अधिकांश पार्षद अध्यक्ष के खिलाफ खड़े हैं, तो नैतिक आधार पर उन्हें तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए। उन्होंने शासन से दखल देकर नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कराने की मांग की, ताकि रुके हुए जनहित कार्य फिर से पटरी पर लौट सकें।
फिलहाल पूरा मामला शासन स्तर पर अटका हुआ है और सभी की निगाहें अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले अंतिम निर्णय पर टिकी हैं। जब तक कार्रवाई पूरी नहीं होती, नगर परिषद का प्रशासनिक पहिया थमे रहने की ही आशंका है।
