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MP news:विकास के नाम पर जल, जंगल, जमीन, आजीविका और पर्यावरण की लूट के खिलाफ एकजुट हुए जनसंघर्षों के प्रतिनिधि

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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MP news:बना 15 सदस्यीय भोपाल समर्थक समूह

MP news:भोपाल मध्य प्रदेश में विकास के नाम पर हो रहे विस्थापन और पर्यावरण विनाश के खिलाफ चल रहे विभिन्न जन संघर्षों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए 28 जनवरी को हिंदी भवन, भोपाल में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। जन संघर्ष समन्वय समिति मध्यप्रदेश और क्लाइमेट जस्टिस मुहिम (CJM) भोपाल द्वारा आयोजित इस एक दिवसीय बैठक में प्रदेश के 17 विभिन्न जन संघर्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के बघेलखंड क्षेत्र में विभिन्न जन संघर्षों को नेत्रत्व देने वाले वरिष्ठ साथी नेता उमेश तिवारी ने की। बैठक में दिल्ली से आए प्रख्यात पर्यावरणविद सौम्या दत्ता की मौजूदगी उल्लेखनीय थी, वहीं कार्यक्रम का संचालन विजय कुमार और आभार राजेश कुमार ने किया।

Sidhi news:बैठक में कोयला खदानों से प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासी नेता, बड़े बांधों से विस्थापित होने वाले किसान, टाइगर रिजर्व के कारण अपनी जमीन खोने के कगार पर खड़े ग्रामीण और खनन परियोजनाओं से जूझ रहे स्थानीय समुदायों के प्रतिनिधि शामिल थे। इन सभी ने अपने क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों के अनुभव और जरूरतों को साझा किया। बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने बताया कि कथित विकास परियोजनाओं के कारण हजारों लोगों को जबरन विस्थापित किया गया है, आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में लगभग 50,000 परिवार विभिन्न विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापित हुए हैं। इनमें से अधिकांश को उचित मुआवजा या पुनर्वास नहीं मिला है। प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि वर्तमान विकास मॉडल के कारण स्थानीय समुदायों को जल, जंगल और जमीन से जबरन विस्थापित किया जा रहा है, जिससे न केवल उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है बल्कि बड़े पैमाने पर पर्यावरण का भी विनाश हो रहा है। हम सभी को एकदूसरे से सीखते हुए अपने संघर्षों को मजबूत करने और मौजूदा विनाशकारी विकास के मॉडल को चुनौती देने की अवश्यकता है। प्रतिनिधियों ने कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार जनसंघर्षों को कुचलने और साम्प्रदायिक आधार पर विभाजित करने के प्रयास कर रही है, इसके खिलाफ अपनी एकता को मजबूती देने की आवश्यकता हैं।

Sidhi news:बैठक में 15 सदस्यीय भोपाल समर्थक समूह का गठन किया गया जिसमें वकील, पत्रकार, तकनीकी विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। यह समूह संघर्षरत समुदायों को समर्थन, तकनीकी, कानूनी और वैचारिक सहयोग देगा। अगले तीन महीनों में प्रदेश के सभी छोटे-बड़े संघर्षों की पहचान कर उन्हें जन संघर्ष समन्वय समिति से जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार हर छह महीने में समन्वय समिति की बैठक आयोजित कर संघर्षों की प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में भाजपा सरकार की “कारपोरेट-परस्त नीतियों” और साम्प्रदायिक विभाजन की राजनीति को खारिज करते हुए आम जनता को एकजुट करने का संकल्प लिया गया।

Sidhi news बैठक में दिल्ली से आए सौम्या दत्ता ने जलवायु संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में मानव सभ्यता ने सबसे गर्म वर्षों का सामना किया है, जो मौजूदा विकास मॉडल की विफलता को दर्शाता है। उन्होने कहा कि जलवायु संकट से निपटने के लिए विकास की वर्तमान अवधारणा को बदलना होगा। कारपोरेट कंपनियों की लूट को सुगम बनाने के लिए मौजूदा सरकार बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय क़ानूनों में परिवर्तन कर रही है। मौजूदा सरकार एक तरफ अंतराष्ट्रीय मंचों पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने का दावा कर रही है वही दूसरी तरफ अपने कारपोरेट मित्रों अडाणी-अंबानी को बड़े पैमाने पर कोयला एवं अन्य जीवाश्म ईधन के खनन का लाइसेन्स जारी कर रही है। उन्होने कहा कि हमें विकास का एक ऐसा वैकल्पिक मॉडल चाहिए, जो पर्यावरण के अनुकूल हो और स्थानीय समुदायों के हितों की रक्षा करे।

Sidhi news:बैठक की अध्यक्षता कर रहे उमेश तिवारी ने कहा कि विभिन्न संघर्षों की प्रकृति और प्राथमिकताएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक है – पर्यावरण और स्थानीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना। आज का दिन मध्य प्रदेश के जन संघर्षों के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। पहली बार इतने सारे स्थानीय संघर्ष एक मंच पर आए हैं। हमारा मानना है कि छोटे-छोटे संघर्षों को एकजुट करके ही हम वर्तमान विकास मॉडल की विसंगतियों को चुनौती दे सकते हैं।

*भोपाल, 29 जनवरी 2025*

भवदीय

विजय कुमार

जन संघर्ष समन्वय समिति मध्यप्रदेश

मोबाइल नंबर – 9981773205

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