Mp news:साहब! मैं जिंदा हूं, मुझे मरा मत बनाओ…
Mp news : अक्सर लोग मज़ाक में कहते हैं कि “सरकारी कागजों में आदमी कब जिंदा रहे, कब मर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।” लेकिन रीवा से सामने आया एक ताज़ा मामला इस कहावत को सच साबित कर रहा है। यहां एक जीवित व्यक्ति को दस्तावेजों में मृत दिखा दिया गया है। नतीजा यह हुआ कि उसका बेटा संबल योजना का लाभ लेने से वंचित हो गया और अब पिता-पुत्र दोनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
Mp news : मामला सिरमौर जनपद अंतर्गत डोल ग्राम पंचायत का है। यहां रहने वाले 47 वर्षीय जयराम मिश्रा को रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया। जबकि जयराम बिल्कुल स्वस्थ और सामान्य जीवन जी रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि उनके बेटे जयमित्र मिश्रा, जो टीआरएस कॉलेज का छात्र है, जब संबल योजना का लाभ लेने पहुंचा तो उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि—“पहले अपने पिता को कागजों में जिंदा कराइए, तभी योजना का लाभ मिलेगा।”
मां की जगह पिता को “मरा” कर दिया
जयमित्र ने बताया कि वर्ष 2022 में उसकी मां का निधन हुआ था। लेकिन ना जाने किस लापरवाही से दस्तावेजों में उसकी मां की जगह पिता को मृत दर्ज कर दिया गया। इस बड़ी गलती का खामियाजा अब पूरा परिवार भुगत रहा है।
तीन बार दफ्तर के चक्कर, फिर भी समाधान नहीं
परिवार जब ग्राम पंचायत पहुंचा तो वहां अधिकारियों ने कहा कि सुधार जनपद स्तर से होगा। इसके बाद जयमित्र तीन बार जनपद पंचायत के चक्कर लगा चुका है, लेकिन सुधार अब तक नहीं हुआ। थक-हारकर उसने जिला पंचायत कार्यालय पहुंचकर सीईओ से गुहार लगाई।
सीईओ ने दिए सुधार के निर्देश
उधर मामला सामने आने के बाद जनपद पंचायत के सीईओ ने दस्तावेजों को दुरुस्त करने और जयराम मिश्रा को “जिंदा” दिखाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।