Mp news:हर्रहा गांव का हरा सौंदर्य हुआ राख,खनन माफियाओं के विस्फोटों में दफन हुई ज़िंदगी और ज़मीन!
Mp news : कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और काले पत्थरों के लिए प्रसिद्ध हर्रहा गांव आज खनन माफियाओं की मार झेल रहा है। दो पहाड़ों के बीच बसा यह गांव अब लगातार हो रहे ब्लास्टिंग, धूल और शोर के कारण भय और बीमारी का पर्याय बन चुका है। गांव की हरियाली मिट चुकी है, खेत-पथरियों में तब्दील हो चुके हैं और ग्रामीणों का जीवन बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है।
हर्रहा ग्राम पंचायत के अंतर्गत करीब 13 स्टोन क्रेशर और कई अवैध खदानें संचालित हैं। इनमें लक्ष्मी स्टोन माइनिंग, सिंह स्टोन क्रेशर, नीलकंठ स्टोन क्रेशर, त्रिमूर्ति एसोसिएशन और मां विंध्यवासिनी स्टोन क्रेशर जैसे नाम शामिल हैं। ग्राम सरपंच साधना गिरी का कहना है कि इन क्रेशरों को पंचायत की अनुमति तक नहीं मिली, फिर भी खनिज अधिकारी और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से संचालन जारी है।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनकी जमीन खनन माफियाओं के नाम कर दी। स्थानीय निवासी गगनदास कोल बताते हैं कि उनकी जमीन न बेची गई, न लीज पर दी गई, फिर भी खदानें उन्हीं की ज़मीन पर चल रही हैं। आदिवासी परिवारों को जो बंटन की जमीन मिली थी, उसे भी बिना कलेक्टर की अनुमति के खदानों को सौंप दिया गया है।
Mp news : ब्लास्टिंग से गांव के घरों में दरारें पड़ चुकी हैं, दीवारें टूट रही हैं और बच्चों का स्कूल जाना खतरे से भरा हो गया है। लल्ला सिंह का कहना है कि “दिन-रात विस्फोटों से पत्थर और धूल उड़ते हैं, सांस लेना तक मुश्किल हो गया है।”
दुधमनिया, मलकपुर, हर्राई, गुजरान और केसरा पहाड़ जैसे इलाकों से अब तक सैकड़ों लोग पलायन कर चुके हैं। बताया गया है कि लगभग 25 से 30 परिवारों में टीबी जैसी गंभीर बीमारियां फैल चुकी हैं।