मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को चंबल अभयारण्य से वन्य जीव पर्यटन अभियान की शुरुआत करेंगे। सीएम चंबल नदी के घड़ियाल अभयारण्य की व्यवस्थाओं का अवलोकन कर पर्यटन सुविधाओं का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री ने विश्व में सर्वाधिक घड़ियाल चंबल नदी में पाए जाते हैं।
यहां दुनिया के 85 प्रतिशत घड़ियाल हैं। डॉ. यादव ने कहा कि पर्यटकों में यह चंबल बोट सफारी के नाम से प्रसिद्ध है। यह तीन राज्यों मप्र, राजस्थान और उप्र के संयुक्त प्रयासों से एक प्रमुख संरक्षण परियोजना है। अभयारण्य लगभग साढ़े पांच वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। घड़ियालों और गंगा डॉल्फिनों का निवास स्थान, पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है।
घड़ियाल देखने का सबसे अच्छा मौसम सर्दी
चंबल में घड़ियाल अभयारण्य देखने के लिए यात्रा का सर्वोतम समय अक्टूबर से जून तक रहता है। शीतकाल में घड़ियाल देखने और यह क्षेत्र घूमने का सबसे अच्छा समय माना गया है। राष्ट्रीय चंबल वन्य जीव अभयारण्य में प्रकृति को देखने की बहुत सी गतिविधियां होती हैं। घड़ियाल, डॉलफिन, अन्य सरीसृप, जल निकायों और सुंदर परिदृश्य की फोटोग्राफी नाव की सवारी से की जा सकती है। पर्यटक चंबल घड़ियाल सफारी अभयारण्य का आनंद उक्त क्षेत्र के निकटवर्ती नगरों में रहवास सुविधा का उपयोग ले सकते हैं।
सभी टाइगर रिजर्व और सेंचुरी में चलेगा अभियान
वन्य जीव पर्यटन अभियान प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व के साथ ही अभयारण्यों (सेंचुरी) में चलेगा। पर्यटक प्रदेश में बाघ, वाइट टाइगर, तेंदुआ, वायसन्, बारासिंगा समेत अन्य वन्य प्राणियों के दीदार के लिए यहां पहुंचते हैं।
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