गजब का प्रशासन : क्या अवैध शराब ही जिले का सबसे अधिक है राजस्व का साधन
आखिर आबकारी विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद से कब जागेगा

गजब का प्रशासन : क्या अवैध शराब ही जिले का सबसे अधिक है राजस्व का साधन
तपस गुप्ता उमरिया
उमरिया जिला अवैध शराब के मामले में मशहूर हो चुका है क्योंकि उमरिया जिले की आबकारी अधिकारी भी अवैध शराब के मामले में रिश्वत लेती हुई रंगे हाथ गिरफ्तार भी हुई थी। जिससे यह साफ तौर पर साबित होता है कि यहां अवैध शराब का खेल लगातार चल रहा था वही यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि कई ऐसे मामले हैं जिसकी वजह से उमरिया जिला अब बदनाम होता हुआ नजर आ रहा है.
आपको बता दे कि यहां सिर्फ आबकारी विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहा है केवल राजस्व कमाने के लिए ऐसा हो रहा है ऐसा लोगों व क्षेत्र की जनता का आरोप है।
हालांकि पुलिस विभाग कोरम पूर्ति के लिए कच्ची शराब पर कार्यवाही तो कर रही है लेकिन फिर भी बड़ी कार्यवाही वह भी नहीं कर पा रही। अगर शराब की बिक्री नहीं हो रही है तो आखिर यह शराब मिल कहां रही है थोड़ी सी ही मात्रा में सही लेकिन शराब तो लगातार पुलिस पकड़ रही है यह एक सवालों के घेरे में जरूर आता है।
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर आबकारी विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद से कब जागेगा। क्या जिस प्रकार पुलिस कार्रवाई करती है क्या आबकारी विभाग के अधिकारी या आबकारी विभाग के कर्मचारी अपना काम ठीक तरीके से नहीं कर सकते। यह कई तरह के ऐसे सवाल हैं जिसकी वजह से पूरा जिला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है।
जहां अब पुलिस की कार्यवाही पर तो सवाल उठते ही हैं पर आबकारी विभाग के कर्मचारी और अधिकारी तो बिल्कुल सांप सूंघ जाने जैसा बैठा हुआ है। यह बेहद ही निंदनीय है और बेहद ही चिंताजनक विषय भी बनकर सामने आता है.
वही पढ़े लिखे शब्द समाज के लोग यह मानते हैं कि शराब पूरे घर को बर्बाद कर देता है लेकिन फिर भी शराब खुलेआम बिकती है यही नहीं खुलेआम शराब भी अब अवैध रूप से बिकने लगी है जहां उमरिया जिला इस मामले में अब पूरी तरह से बदनाम हो चुका है।