नेताओं की नजर अंदाज का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण, नहीं बन पाया जोहिला नदी में अभी तक रपटा पुल
कछुए की चाल से हो रहा है यहां पुल का निर्माण कार्य

नेताओं की नजर अंदाज का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण, नहीं बन पाया जोहिला नदी में अभी तक रपटा पुल
तपस गुप्ता उमरिया
उमरिया जिले में एक ऐसा गांव है जो की नदी के दो सिरों में बसा हुआ है लेकिन यह उसे वक्त और भी अधिक खास हो जाता है जब यह लोग जान लेते हैं कि यह जो नदी है वह दो विधानसभा का बॉर्डर कहलाती है। जहां दो विधानसभा इसे टच होता है जहां इकलौता छोटा सा पुल बना हुआ है लेकिन वह काफी जर्जर है।
प्रशासन की स्वीकृति के बाद रपटा पुल बना तो था लेकिन वह नेताओं की नजर अंदाज का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इतना ही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि यह वर्तमान मंत्री मीना सिंह का भी क्षेत्र आता है इसके अलावा पूर्व सांसद ज्ञान सिंह यहीं से आते हैं वह खुद भी मंत्री रह चुके हैं लेकिन फिर भी वह अभी तक पुल नहीं बनवापाए हैं।
इतना ही नहीं बल्कि उनके पुत्र वर्तमान में बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी हैं लेकिन इसके बावजूद भी क्षेत्रवासी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। रपटा पुल बांधवगढ़ वह मानपुर दो विधानसभा को जोड़ता है यहां हर दिन सैकड़ो लोग यहां से गुजरते हैं यहां तक की अस्पताल जाने के लिए भी एंबुलेंस की गाड़ी भी को भी इसी रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। लेकिन फिर भी यह पुल अभी भी अधर में लटका हुआ है।
वही इस पूरे मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी उषा कोल ने गंभीर आरोप लगाया है उन्होंने कहा है कि भाजपा का यही विकास है जहां 5 सालों में केवल चार पिलर खड़े हो पाए हैं। इसी गति से भाजपा ने पूरे विधानसभा क्षेत्र में विकास किया है इसलिए अब लोग उन्हें हटाने की बात कर रहे हैं।