मध्य प्रदेश

निष्क्रियता के चलते सडक़ों की नहीं हो रही मरम्मत , सैकड़ो गांव है इसकी चपेट में

गारंटी के बावजूद सडक़ों की नहीं कराई जाती मरम्मत 

निष्क्रियता के चलते सडक़ों की नहीं हो रही मरम्मत

– गारंटी के बावजूद सडक़ों की नहीं कराई जाती मरम्मत

जिले में 5 वर्ष की गारंटी वाली प्रधानमंत्री सडक़ों की मरम्मत करानें से संविदाकारों की दूरियां बनी हुई हैं। इसी वजह से बरसात के बाद से दर्जन भर से ऊपर प्रधानमंत्री सडक़ें पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। इसकी जानकारी संबंधित संविदाकारों को होने के बावजूद व गारंटी शुदा सडक़ों की मरम्मत कराना जरूरी नहीं समझ रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री सडक़ योजना के महाप्रबंधक भी गड़्ढों में तब्दील हो रही सडक़ों के मरम्मत को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार 5 वर्ष की गारंटी वाली प्रधानमंत्री सडक़ चुरहट. अमिलिया, अदैपुर सीधी रोड से भगेसर, ताला से बघैला, अदैपुर सीधी रोड से भगेसर, ताला मेडरा से बंजारी, शिकारगंज से चुनगुना, गजरी से अमझर, धनौली पोंडी मार्ग, धनौली खमचौरा मार्ग, नेबूहा से बधैहा, सोनवर्षा से अमरवाह, खडौरा से देवई चोरवा, ठोंगा से बडवाही, देवरी-टेकर मार्ग, बम्हनी-मगरोहर मार्ग, जोगीपुर बहेरा से गोरियरा, बरम्बाबा से तिलमानी, बहरी पोंडी रोड से भरुही, पोखरा से झोलूटोला, सैरपुर से पटेहरा कोठार सरदा, राष्ट्रीय राजमार्ग 39 से पुखनौर, अकौना से जोडौरी, अकौना-मुढेरिया, सहिजना से कछहरिया, हिनौता-खजुरी, सीधी-टिकरी मार्ग से निधिपुरी, पटपरा से हिनौती नंबर 1, चिलरी खुर्द से भितरी, खाम्ह से कुशियारा, भदौरा से दरीमाडोल, गोतरा से बजबई, रामपुर से ददरिहा, मडवास-अमोहर डोल आदि शामिल हैं।

उक्त मार्गों में कई स्थानों पर बडे-बडे गड्ढे होने के बावजूद उनका मरम्मत नहीं कराया जा रहा है। इस संबंध में क्षेत्रीय जनों का कहना है कि प्रधानमंत्री सडक़ योजना से बनने वाली सडक़ें संविदाकार काफी तेजी के साथ बनवाते हैं।

उनके द्वारा पुरानी सडक़ के ऊपर ही हल्की गिट्टी एवं डामर का लेप लगाकर रोलर चलवा दिया जाता है। प्रधानमंत्री सडक़ योजना के इंजीनियरों से सांठ-गांठ कर संविदाकार द्वारा पूरा भुगतान निकाल लिया जाता है। बनने के साथ ही सीधी जिले में प्रधानमंत्री सडक़ योजना की सडक़ें काफी तेजी के साथ उखडऩा भी शुरू हो जाती हैं।

जिसको लेकर लगातार शिकायतें होने के बावजूद प्रधानमंत्री सडक़ योजना के अधिकारी 5 वर्ष की गारंटी के बावजूद संविदाकारों से उखडने वाली सडक़ का मरम्मत नहीं कराते। मीडिया से चर्चा के दौरान भी प्रधानमंत्री सडक़ योजना के अधिकारी यह जरूर कहते हैं कि 5 वर्ष की गारंटी होने से संबंधित संविदाकार सडक़ की मरम्मत अवश्य करेंगे।

बाद में संबंधित अधिकारी संविदाकार पर मरम्मत के लिए कोई दबाव नहीं बनाते। लिहाजा सडक़ और भी लगातार जर्जर होती रहती है। ज्यादा हो हल्ला मचने पर किसी-किसी मार्ग में कुछ मरम्मत का कार्य आधा-अधूरा कर दिया जाता है।

जिले के जो सुदूर क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सडक़ योजना की सडक़ें हैं और वह जर्जर हो रही हैं उनका मरम्मत करानें की जरूरत संविदाकार और विभागीय अधिकारी नहीं समझते। इससे स्पष्ट है कि सीधी जिले में प्रधानमंत्री सडक़ें केवल विभागीय अधिकारियों एवं संविदाकारों का ही भला कर रही हैं।

जिले में प्रधानमंत्री सडक़ योजना की सडक़ों की दुर्दशा को लेकर प्रधानमंत्री सडक़ योजना के महाप्रबंधक को प्रमुख जिम्मेदार माना जा रहा है। उनके द्वारा न तो क्षेत्र में कभी भ्रमण किया जाता है और न ही शिकायत मिलने के बाद गड्ढों में तब्दील हो रही सडक़ों की मरम्मत करानें की जरूरत समझी जाती है।

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