Mpnews:रिहंद डैम में ज़हर? एनटीपीसी पर केमिकल और राखड़ छोड़ने का आरोप, हजारों मछलियों की मौत से सिंगरौली में हड़कंप
Mpnews:सिंगरौली जिले से एक बेहद गंभीर और चिंताजनक मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन से लेकर आम जनता तक की नींद उड़ा दी है। स्थानीय ग्रामीणों और मछुआरों ने एनटीपीसी प्रबंधन पर रिहंद डैम में केमिकल युक्त पानी और राखड़ (फ्लाई ऐश) छोड़ने के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि इसी प्रदूषण के चलते डैम में हजारों की संख्या में मछलियों की मौत हो गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बीते कुछ दिनों से रिहंद डैम के कई हिस्सों में पानी की सतह पर मरी हुई मछलियाँ तैरती दिखाई दे रही हैं। यह दृश्य न केवल पर्यावरणीय संकट की ओर इशारा करता है, बल्कि पूरे इलाके के लिए एक बड़े खतरे की घंटी भी है। ग्रामीणों का कहना है कि डैम के पानी का रंग और गंध पहले जैसी नहीं रही, जिससे आशंका और गहरी हो गई है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि एनटीपीसी से निकलने वाला औद्योगिक अपशिष्ट बिना पर्याप्त शुद्धिकरण के सीधे डैम में छोड़ा जा रहा है। इससे जल में मौजूद ऑक्सीजन का स्तर गिर रहा है और जलीय जीवों का जीवन संकट में पड़ गया है। मछलियों की सामूहिक मौत को इसी प्रदूषण से जोड़कर देखा जा रहा है।
सबसे बड़ी चिंता: यही पानी पी रही है जनता
Mpnews:इस पूरे मामले में सबसे डरावना पहलू यह है कि रिहंद डैम का पानी ही सिंगरौली जिले के लाखों लोगों के लिए पेयजल का मुख्य स्रोत है। नगर निगम द्वारा इसी डैम के पानी को शुद्ध कर पाइपलाइन के माध्यम से घर-घर पहुंचाया जाता है। ऐसे में यदि इस पानी में केमिकल और राखड़ की मिलावट हो रही है, तो इसका सीधा असर आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला आने वाले दिनों में बड़े जनस्वास्थ्य संकट का रूप ले सकता है।
अब सबकी निगाहें प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर टिकी हैं कि वे इस गंभीर आरोप की कितनी गंभीरता से जांच करते हैं और रिहंद डैम तथा आम जनता की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
