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Sidhi news:ओव्हरलोड वाहनों पर नहीं की जाती है कार्यवाही, बिना परमिट सड़क पर दौड रही बसें

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news:ओव्हरलोड वाहनों से वसूली जाती है हर महीने इंट्री

संवाददाता अविनय शुक्ला

Sidhi news:परिवहन विभाग के द्वारा सड़कों में दौड रहे रेत एवं अन्य ओव्हरलोड वाहनों पर कोई कार्यवाई नहीं की जा रही है। जिले भर में प्रति दिन पांच सौ से ज्यादा ओव्हरलोड वाहन चल रहे हैं। किंतु परिवहन विभाग कार्यवाई करने की बजायवाहन संचालकों से हर महीने सुविधा शुल्क वसूल रही है।ओव्हरलोड वाहनों के चलने से जहां एक ओर निरंतर सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं वहीं ग्रामीण एवं प्रधानमंत्री सड़क व मुख्य मार्ग जर्जर हो रहा है। जिले में परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से बेलगाम हो गई है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। रीवाशहडोल मार्ग में प्रतिदिन 200 से ज्यादा रेत के ओव्हरलोड वाहन चलते हैं। नए जिला परिवहन अधिकारी के पास सिंगरौली के साथ सीधी का प्रभार होने के बाद वह भी इस मामले में अभी तक कोई भी सार्थक कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। दोनों जिले के प्रभार में होने के बाद भी ओव्हरलोड वाहनों पर कार्यवाई नहीं करते। जिसके कारण परिवहन की स्थिति काफी गंभीर होती जा रही है।

Sidhi news:तत्संबंध मेंजानकारों का कहना है कि सीधी जिले में मुख्यतः ओव्हरलोड वाहन जो दौड़ रहे हैं वह रेत, कोयला, राखड़, सीमेंट के परिवहन में लगे हुए हैं। अधिकांश ओव्हरलोड वाहन सिंगरौली जिले की ओर से जिला मुख्यालय की ओर आते हैं और यहां से आगे बढ़ जाते हैं। इसके अलावा रेत के ओव्हरलोड वाहन शहडोल जिले की ओर से आते हैं और बघवार की ओर से आगे बढ़ते हैं।

नहीं की जाती सार्थक कार्यवाही

Sidhi news:जिला परिवहन कार्यालय की ओर से ओव्हरलोड मालवाहकों पर कार्यवाही के लिए कभी भी सार्थक कार्यवाही नहीं की जाती। पूर्व आरटीओ द्वारा कभी-कभार जांच के दौरान कुछ वाहनों पर कार्यवाही की औपचारिकताएं पूर्ण की जाती रही हैं। नए आरटीओ को सीधी का प्रभार मिलने के बाद अभी तक ओव्हरलोड वाहनों पर कार्यवाही को लेकर कोई अभियान चलाने की जरूरत नहीं समझी गई है। ऐसे में यही माना जा रहा है कि पुराने आरटीओ के समय जैसा चल रहा था उसी तरह अब भी सबकुछ चलने वाला है। इस मामले में बड़े अधिकारियों द्वारा भी सीधी जिले में ओव्हरलोड वाहनों पर समुचित कार्यवाही सुनिश्चित कराने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। जिसके चलते सबकुछ काम चलाऊ बना हुआ है। औव्हरलोड वाहनों के चालकों द्वारा बीच-बीच में इंट्री शुल्क देकर आगे निकलने का काम किया जा रहा है। इसी इंट्री के चलते उनके ऊपर कभी कोई कार्यवाही ओव्हरलोड पर नहीं हो पाती।

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