Sidhi news: पिछले दिनों शहडोल संभाग के उमरिया में दो आदिवासियों की हो चुकी है मौत।
Sidhi news:सीधी संजय राष्ट्रीय उद्यान मे एक बार फिर हाथियों का दल दस्तक दे चुका है और राष्ट्रीय उद्यान आदिवासी भयभीत नजर आ रहे हैं। विगत एक एक दशक की बात करें तो राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में हाथियों का दल सैकड़ों बार दबिश दे चुका है और आधा सैकड़ा से अधिक घरों को निशाना भी बना चुका है। राष्ट्रीय उद्यान दिन प्रतिदिन जंगली हाथियों का ठिकाना बनता जा रहा है। छत्तीसगढ़ से आने वाले हाथी तीन दर्जन के आस-पास आदिवासियों को अकारण काल कवलित होना पड़ रहा है। लेकिन सीधी के संजय राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों की माने तो जो हालात हैं वह अत्यंत दयनीय है। उद्यान अमले के पास कोई रणनीति नहीं है कि छत्तीसगढ़ गढ़ से आने वाले हाथियों के दल को कैसे रोका जाय या फिर जिले आदिवासियों को हाथियों के वजह से परेशान होना पड़े।
Sidhi news:हाल ही मे कुछ दिनों पहले उमरिया जिले में हाथी के दल ने हमला कर आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद अब फिर 18 हाथियो का एक दल सीधी के वस्तुआ सहित उमरिया में आ धमका है। संजय राष्ट्रीय उद्यान के कोर व बफर जोन से विस्थापन भी होना है राष्ट्रीय उद्यान के विस्थापन का मामला लंबित है। फिलहाल उमरिया में 18 हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश कर लिए है पूरे गांव में लोग डरे हुएं है बन विभाग से पूरा जिला प्रशासन पहुंच चुका है। लगभग 250 बन विभाग के कर्मचारी लगे हुए है। पटाखे जलाने एवं आग लगाने के लिए अलाउंस किया जा रहा है।सभी ग्रामवासी को जागने की अपील की जा रही है। उमरिया गांव का माहौल पूरी तरह से बिगड़ चुका है। उमरिया पंचायत के पास जंगली हाथियों का झुंड है।
Sidhi news:वही इस संबंध में पोड़ी रेंज के रेंजर कविता साकेत ने जानकारी देते हुए बताया है कि छत्तीसगढ़ की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार 22 हाथियों का दल सीधी में प्रवेश किया है लेकिन अभी तक हमने 18 हाथियों की पुष्टि की है। जहां सीधी जिले की सीमा में वह एक हफ्ते पहले ही प्रवेश कर चुका था। लेकिन पहले उनके द्वारा मूवमेंट काम की जा रही थी लेकिन कल से मोमेंट ज्यादा की जा रही है। हाथी गांव की तरफ भाग रहे हैं जहां किसान उन्हें भगा देते हैं और वन विभाग की टीम लगातार सतत निगरानी कर रही है। पेंड्राताल के चरकीडाडी मे अभी हांथी कोठार के पास झील की तरफ जा रहे है।
Sidhi news: ग्रामीण सत्यवान सिँह गोड़ ने जानकारी देते हुए बताया है कि लगातार चार दिन से हम लोग सोए नहीं है। अचानक कभी भी हाथियों का दल आ जाता है और हमें उन्हें अपने खेतों से और अपने घरों से दूर भगाने के लिए पटाखे का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके अलावा तेज आवाज के साथ हाथियों की तरफ दौड़ना भी पड़ता है तब जाकर हाथी वहां से भागते हैं इसमें जान का खतरा भी बना हुआ है। पेन्ड्राताल जा सकती है उमरिया पंचायत के पास जंगली हाथियों का झुंड है।