Ceo राजीव तिवारी रामपुर नैकिन का भ्रष्टाचार पार्ट-1 : ठंडा बस्ती से गर्म खेल, पंचायत में पारदर्शिता ‘गुप्त’ फाइल में बंद!
कधवार/रामपुर नैकिन।
ग्राम पंचायत कधवार में सुरेश साकेत के घर के पास वार्ड क्रमांक 20 में बनी पुलिया आजकल चर्चा का केंद्र बनी हुई है। वजह? निर्माण कार्य तो हुआ, भुगतान भी हो गया, पर यह ‘भुगतान किसलिए हुआ’ — यह गुप्त दस्तावेज़ की तरह जनता की पहुंच से बाहर है। जनता बस देखकर खुश हो जाए कि कुछ बना है, इससे ज्यादा जानने की कोशिश न करे, वरना “अधिक जानना खतरनाक हो सकता है” की तर्ज़ पर पंचायत का रवैया सामने आता है।
बताया जा रहा है कि यह सारा खेल सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की तिकड़ी की मिलीभगत का नतीजा है। इनके ‘त्रिकालदर्शी’ सिस्टम में पारदर्शिता नाम का शब्द कहीं खो गया है। दूसरी ओर, जनपद पंचायत के Ceo श्री राजीव तिवारी मानो ‘ठंडा बस्ती’ में बैठे पंचायती गर्मी का आनंद ले रहे हैं। उन्हें न निरीक्षण की फुर्सत है और न जानकारी सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी की परवाह। आरोप है कि वे अपने घर में बैठकर बिचौलियों के माध्यम से ‘विकास की परिभाषा’ तय करते हैं।
यह तो पहली बार नहीं हुआ है, ग्राम पंचायत कधवार में ऐसे कई कार्य हैं जिनमें मास्टर रोल तो तैयार हुआ लेकिन पंचायत दर्पण में अपलोड करने की जहमत कोई नहीं उठाता। भुगतान सीधे ट्रेडर्स के खातों में पहुंच जाता है, लेकिन जन सूचना के नाम पर सिर्फ सन्नाटा मिलता है। लाखों के काम, हजारों का भुगतान — पर सब दस्तावेज़ या तो दबा दिए जाते हैं या फिर जानबूझकर नहीं चढ़ाए जाते।
पंचायत दर्पण में अपलोड न हुए बिलों की फेहरिस्त देखकर लगता है कि यह पारदर्शिता नहीं, “पर्देदारी योजना” है, जिसमें सीईओ राजीव तिवारी का योगदान उल्लेखनीय है। सवाल ये उठता है कि क्या Ceo आंखें खोलेंगे या भ्रष्टाचार का पार्ट-2 भी इसी अंदाज़ में रिलीज़ होगा? जनता जवाब चाहती है, और पारदर्शिता नहीं — सिर्फ कार्रवाई की मांग कर रही है।