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Ratangadh mata:माता का दर्शन करने मात्र से होती है बीमारियां दूर

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Ratangadh mata : मध्य प्रदेश के दतिया जिले से करीब 65 किलोमीटर दूर पहाड़ों और जंगलों के बीच स्थित है रतनगढ़ वाली माता का पवित्र मंदिर यह स्थान न केवल श्रद्धा का केंद्र है बल्कि अपने अद्भुत चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध है

Ratangadh mata : रतनगढ़ वाली माता को शूरवीर राजा रतनसेन की पुत्री माना जाता है लोककथाओं के अनुसार माता के नाम रतनगढ़ का संबंध उनके इस क्षेत्र में किए गए अद्भुत कार्यों से है कहा जाता है कि माता ने इस क्षेत्र को चमत्कारिक रूप से संकटों से मुक्त किया और लोगों के दुख दूर किए उनके नाम और महिमा के कारण यह स्थान रतनगढ़ के नाम से प्रसिद्ध हुआ

रतनगढ़ वाली माता के भक्तों के बीच कई चमत्कारों की कहानियां सुनने को मिलती हैं चाहे असाध्य बीमारियां हों या संकट के समय सुरक्षा की अनुभूति माता के दरबार में आने वाले हर भक्त को उनकी कृपा प्राप्त होती है

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माता के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए यहां 51 किलो का विशाल घंटा चढ़ाया यह घंटा उनकी एक मनोकामना पूरी होने के बाद चढ़ाया गया था भक्तों के अनुसार यह घंटा मंदिर की दिव्यता और माता के प्रति उनकी असीम श्रद्धा का प्रतीक है

रतनगढ़ वाली माता का मंदिर दतिया से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है यहाँ तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है

Ratangadh mata : रतनगढ़ वाली माता का मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि यह स्थान भक्तों के जीवन में नई उम्मीद और शक्ति प्रदान करता है। माता के आशीर्वाद से हर भक्त अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव करता है

यह मंदिर माता रतनगढ़ की शक्ति और उनके भक्तों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक है यह स्थान हमें सिखाता है कि विश्वास और समर्पण से कोई भी संकट दूर किया जा सकता है

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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