Red send boa धरती का लाल रत्न! सीधी के ब्यूटी पार्लर में मिला करोड़ों की कीमत वाला रहस्यमयी सर्प, जानिए क्यों है यह इतना खास!
शनिवार देर रात सीधी शहर के एक ब्यूटी पार्लर में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब फर्श के कोने में अचानक एक मोटा, भूरा और चमकदार सर्प दिखाई दिया। पहले तो लोगों में डर फैल गया, लेकिन किसी ने समझदारी दिखाते हुए तुरंत वन विभाग और सर्प रेस्क्यू टीम को सूचना दी। रात 1 बजे पहुंची टीम ने बड़ी सावधानी से उस सर्प को पकड़ा — और जब पहचान हुई तो सब दंग रह गए! यह कोई साधारण सर्प नहीं बल्कि रेड सैंड बोआ (Red Send Boa) था — धरती के सबसे दुर्लभ और कीमती सर्पों में से एक।
इस सर्प का वजन 7 किलो से अधिक और लंबाई करीब 3 से 4 फीट बताई जा रही है। इसका शरीर तांबई-लाल या भूरे रंग का होता है जो धूप में तांबे की तरह चमकता है। वन विभाग ने इसे सुरक्षित रेस्क्यू कर मुकुंदपुर जू में संरक्षित किया है।
रेड सैंड बोआ को आम बोलचाल में “दो मुँहा सांप” भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी पूंछ का आकार उसके सिर जैसा होता है। यह विषहीन और शांत स्वभाव का जीव है, जो खेतों में चूहों की संख्या नियंत्रित कर पर्यावरण संतुलन बनाए रखता है। दुर्भाग्य से, अंधविश्वास और तस्करी ने इसे विलुप्ति के कगार पर पहुँचा दिया है।
वनपाल पंकज मिश्रा और उनकी रेस्क्यू टीम के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सर्प की अवैध कीमत 3 से 25 करोड़ रुपये तक बताई जाती है। कुछ देशों में इसे “लकी स्नेक” या “गुड लक चार्म” माना जाता है — यह भ्रम कि इससे धन-संपत्ति या सौभाग्य मिलता है, इसके अवैध व्यापार को बढ़ावा देता है।
भारत में Red send boa वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची- IV में शामिल है, यानी इसका पकड़ना, बेचना या मारना कानूनी अपराध है। सीधी जिले में पिछले छह महीनों में यह तीसरा मामला है जब यह सर्प मिला है। वन विभाग अब यह जांच कर रहा है कि यह किसी स्थानीय प्रजनन का परिणाम है या किसी तस्करी नेटवर्क से जुड़ा मामला।