Republic day : 26 जनवरी मे गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, जहा यह कई सालो से लगातार दिल्ली मे आयोजन किया जाता रहा है। साल 1952 ई. में गणतंत्र दिवस की उस परेड से जुड़ी हुई वो जानकारी ऐतिहासिक रूप से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। जहा इस साल मे भारत ने अपनी स्वतंत्रता के बाद दूसरा गणतंत्र दिवस मनाया था, जो कई मायनो मे यादगार रहेगा।
Republic day : गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम मे प्रमुख कार्यक्रमों और घटनाओं के बारे मे जानते है –
उस समय के मुख्य अतिथि
साल 1952 ई. के गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि के रूप मे उस समय के इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो आए हुए थे। जहा यह भारत और इंडोनेशिया के बीच गहरे मित्रतापूर्ण संबंधों का प्रतीक उस समय मौजूद था।
Republic day : कौन सी रही झांकियां शामिल
साल 1952 ई. की उस परेड में झांकियां भारतीय संस्कृति, परंपरा, स्वतंत्रता आंदोलन और विकास की झलक भी प्रस्तुत करती रही थीं।
इसमें ये विषय शामिल थे
पहली झाकी मे भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झाकिया प्रत्येक राज्य ने अपनी विशिष्ट कला, संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शन किया था।
दूसरी झाकी भारतीय कृषि और औद्योगिक विकास के अंतर्गत नई आर्थिक नीतियों और प्रौद्योगिकी की झलक प्रस्तुत की गई थी।
तीसरी झाकी मे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल पर आधारित झांकियां रखी गई थी।
चौथी झाकी मे भारतीय सशस्त्र बलों की परेड को शामिल किया गया था, थल सेना, नौसेना और वायुसेना की शक्ति का प्रदर्शन किया गया था।
पांचवी झांकी मे संविधान का महत्व को बताया गया था। इस झांकी में भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रदर्शित किया गया है।
Republic day : जाने कहा रखा गया था परेड स्थल और आयोजन
परेड का स्थान – नई दिल्ली का राजपथ जिसे अब कर्तव्यपथ कहा जाता है।
इस आयोजन में भारत देश की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता और प्रगति को दर्शाने के लिए इस भव्य परेड का आयोजन किया गया था। वही भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की टुकड़ियों ने अपने कौशल और देशभक्ति का प्रदर्शन किया था।
इसके बाद झांकियां और लोक नृत्य को शामिल किया गया था। विभिन्न राज्यों के पारंपरिक नृत्यों और संगीत का प्रदर्शन हुआ।
झंडारोहण के समय भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने झंडारोहण किया।
ये हुए अन्य प्रमुख आयोजन
सबसे पहले राष्ट्रीय पुरस्कारों का वितरण किया गया था इस दिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और नागरिकों को विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया था
उसके बाद राजपथ पर ध्वज फहराना शुरू किया गया भारतीय तिरंगे को सलामी दी गई।
राष्ट्रध्वज फहराने के बाद वायुसेना का प्रदर्शन पहली बार किया गया था। जहा वायुसेना ने फ्लाईपास्ट के जरिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
जान उस दिन का क्या महत्व था
आपको बतादे की साल 1952 मे गणतंत्र दिवस स्वतंत्र भारत की एकता और विविधता का जश्न था। जहा यह परेड नई दिल्ली में भव्य रूप से आयोजित की गई और इसमें भारतीय संस्कृति और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया गया। जहा इस आयोजन ने भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंधों को भी दर्शाया।