Bandhavghar Tiger: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला जोन में दिखा सिद्धबाबा बाघ, पर्यटक हुए रोमांचित

April 5, 2025, 9:36 AM
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Bandhavghar Tiger: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला जोन में दिखा सिद्धबाबा बाघ, पर्यटक हुए रोमांचित

उमरिया

Bandhavghar Tiger: गर्मी के मौसम में जंगल के जलस्रोत वन्यजीवों के लिए जीवनरेखा साबित हो रहे हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रसिद्ध ताला जोन में शुक्रवार को एक रोमांचक नज़ारा देखने को मिला, जब सिद्धबाबा नामक उप-वयस्क नर बाघ पानी के किनारे दिखाई दिया। इस दुर्लभ दृश्य ने सफारी पर निकले पर्यटकों को रोमांचित कर दिया।

 

Bandhavghar Tiger: इस दौरान कुछ पर्यटकों ने अपने कैमरे में इस क्षण को कैद कर लिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में बाघ को बड़े ही शांत भाव से पानी के किनारे टहलते और विश्राम करते देखा जा सकता है। जंगल में बढ़ती गर्मी के कारण हाल के दिनों में बाघों को जल स्रोतों के आसपास ज्यादा देखा जा रहा है, क्योंकि वे गर्मी से राहत पाने के लिए पानी में डुबकी लगाते हैं या पास में आराम करते हैं।

ताला जोन का आकर्षण – बाघों की सहज उपस्थिति

Bandhavghar Tiger: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का ताला जोन अपने घने जंगलों और बाघों की उच्च घनत्व संख्या के लिए जाना जाता है। यहां सफारी करने वाले पर्यटकों को अक्सर बाघों के शानदार दर्शन होते हैं। सिद्धबाबा नामक इस उप-वयस्क नर बाघ को पहले भी ताला जोन में देखा गया था, लेकिन पानी के किनारे इस तरह का स्पष्ट दृश्य मिलना किसी रोमांच से कम नहीं था।

Bandhavghar Tiger: वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गर्मी के मौसम में बाघों की गतिविधियों में बदलाव आता है, और वे ज्यादातर समय जलाशयों के पास बिताते हैं। इस कारण ताला, मगधी और खितौली जोन में बाघों के दीदार की संभावना बढ़ जाती है।

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पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव

Bandhavghar Tiger: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व हमेशा से वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। इस बार भी ताला जोन में सफारी कर रहे पर्यटकों को रोमांचकारी अनुभव मिला। वीडियो में पर्यटकों की हल्की-फुल्की बातचीत और आश्चर्य के भाव भी सुनाई देते हैं, जो इस अविस्मरणीय सफारी का हिस्सा बन गए।

Bandhavghar Tiger: बांधवगढ़ में इस तरह के दृश्य प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए किसी सौगात से कम नहीं हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे बाघों की जल स्रोतों पर आवाजाही और बढ़ेगी, जिससे पर्यटकों को वन्यजीवों को करीब से देखने का और भी अधिक अवसर मिलेगा।

 

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