Sidhi crime:“7 साल के मासूम का किडनैप प्लान फेल: 95 CCTV फुटेज खंगालने, 16 पुलिसकर्मियों की 4 टीमों की 36 घंटे की खोज के बाद आरोपी बस स्टैंड के पीछे दबोचा गया”
किडनैपिंग का सनसनीखेज मामला
सीधी जिले की पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बची मासूम की जान
Sidhi crime:जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में शुक्रवार शाम 5 बजे 7 वर्षीय प्रिंस रावत अचानक गायब हो गया। जब परिवार की तलाश के बाद भी बच्चा नहीं मिला, तो किडनैपिंग की आशंका के आधार पर थाना प्रभारी सुधांशु तिवारी ने तुरंत एक्शन लेते हुए 16 पुलिसकर्मियों की स्पेशल टीम तैयार की। बच्चे को हर हाल में सुरक्षित ढूंढने के लिए टीम को 4 भागों में बांटा गया और रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
95 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली—हर सेकंड को खंगालकर मिला सुराग
शाम करीब 7 बजे एक व्यक्ति का फोन आया कि एक संदिग्ध युवक एक बच्चे को जबरदस्ती लेकर रीवा की तरफ जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी इन्वेस्टिगेशन शुरू करते हुए लगभग 95 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल डाली।
इन कैमरों में
पुराना बस स्टैंड,
नया बस स्टैंड,
रीवा रेलवे स्टेशन,
शिल्पी प्लाजा,
सर्विलांस कैमरे
इन सभी के फुटेज एक-एक कर जांचे गए।
अंततः एक फुटेज में आरोपी के साथ बच्चा स्पष्ट रूप से दिखाई दिया, जिसके बाद उसकी मूवमेंट ट्रैक कर ली गई।
4 टीमों ने जंगलों, बस स्टैंडों, रेलवे स्टेशन और रीवा के इलाकों को छाना
Sidhi crime :16 पुलिसकर्मियों की टीम को 4 हिस्सों में बांटा गया, और सभी ने लगातार 36 घंटे तक बिना रुके खोजबीन की।
एक टीम जंगलों और गड्डी रोड पर,
दूसरी टीम शिल्पी प्लाजा और रेलवे स्टेशन पर,
तीसरी टीम पुराना व नया बस स्टैंड क्षेत्र में,
चौथी टीम रीवा शहर और सुनसान इलाकों में सर्च करती रही।
लगातार पीछा और हर पल की निगरानी ने आखिरकार आरोपी को पकड़ने का रास्ता साफ किया।
बस स्टैंड के पीछे मिला आरोपी—यहीं से होने वाला था बच्चे का ट्रांसफर
रविवार दोपहर लगभग 2 बजे सूचना मिली कि आरोपी रीवा बस स्टैंड के पीछे एक सुनसान जगह पर बच्चा लेकर पहुंचा है। तुरंत घेराबंदी कर पुलिस ने दीपक रावत (30 वर्ष), निवासी घूंघटा को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह बच्चे को हैदराबाद ले जाकर भीख मंगवाने और मजदूरी करवाने की योजना बना रहा था।
Sidhi crime : एसपी की लगातार मॉनिटरिंग—हर एक घंटे में लेते रहे अपडेट
थाना प्रभारी सुधांशु तिवारी ने बताया—
“सूचना मिलते ही हमने तुरंत टीमें लगा दीं। सीधी एसपी संतोष कोरी स्वयं इस पूरे ऑपरेशन को हर एक घंटे में मॉनिटर करते रहे और हर स्थिति का अपडेट लेते रहे। उनके निर्देशन में तकनीकी टीम और सर्च टीम ने मिलकर तेजी से काम किया, जिसके चलते आरोपी तक पहुंचना संभव हुआ।”
