Sidhi news : चंबल से लाए गए नर घड़ियाल की मौत, सोन घड़ियाल अभ्यारण पर संकट
132 बच्चों के जन्म से उठी उम्मीदें, लेकिन हैचरी सुविधा की कमी बनी चुनौती
Sidhi news : सीधी जिले के सोन नदी स्थित सोन घड़ियाल अभ्यारण जोगदह घाट से एक बड़ी खबर सामने आई है। चंबल से लाकर यहां छोड़े गए नर घड़ियाल की मौत की सूचना ने वन विभाग और स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है। जानकारी के मुताबिक, हाल ही में तेज बहाव के कारण यह नर घड़ियाल जोगदह घाट से बहकर दूर निकल गया था। लोकेशन आईडी के आधार पर उसकी मौजूदगी चोपन क्षेत्र के अघोरी किला के पास मिली, जहां विभागीय टीम ने जाल बिछाकर उसे रेस्क्यू किया और विशेष वाहन से अभ्यारण में वापस लाया गया।
हालांकि, काफी देर तक कोई हलचल न दिखने पर डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया और जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि घड़ियाल की मौत हो चुकी है। मौके पर विभागीय अमला मौजूद है और फिलहाल मृत्यु के कारणों की जांच की जा रही है।
Sidhi news : गौरतलब है कि सोन घड़ियाल अभ्यारण इस समय चर्चा में है क्योंकि यहां 5 मादा घड़ियालों से 132 बच्चों का जन्म हुआ है। यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में घड़ियाल के बच्चे पैदा हुए हैं। विभाग और जिले के लोगों में इसे लेकर उत्साह है, लेकिन दूसरी ओर नर घड़ियाल की मौत ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि घड़ियालों की विलुप्त होती प्रजाति को बचाना आसान नहीं है। जन्म लेने वाले बच्चों में से केवल 2 प्रतिशत ही जीवित रह पाते हैं। जहां हैचरी की सुविधा होती है, वहां यह प्रतिशत बढ़ जाता है। चंबल में यह सुविधा उपलब्ध है, लेकिन सीधी जिले के सोन घड़ियाल अभ्यारण में अब तक हैचरी की व्यवस्था नहीं हो सकी है। ऐसे में बच्चों को बचाना एक बड़ी चुनौती है। विभाग का कहना है कि जल्द ही यहां हैचरी स्थापित करने की योजना है।
फिलहाल सोन घड़ियाल अभ्यारण में 38 घड़ियाल और 74 मगरमच्छ मौजूद हैं, जबकि स्कीमर की संख्या 41 और विभिन्न प्रजातियों के 4015 पक्षी दर्ज हैं। हालांकि, नर और मादा घड़ियाल के बच्चों को पहचानना अभी भी मुश्किल है।
कुछ साल पहले सोन से बहकर बिहार पहुंचे एक नर घड़ियाल को भी अब तक वापस नहीं लाया जा सका है। बिहार सरकार ने इसे लौटाने से साफ इनकार कर दिया था। अब चंबल से नया नर लाने और हैचरी सुविधा विकसित करने पर विभाग का ध्यान है।
एसडीओ राजीव मिश्रा ने बताया कि घड़ियालों के बच्चों का जन्म विभाग के लिए बड़ी उपलब्धि है और आने वाले समय में नर घड़ियालों की संख्या बढ़ाने तथा बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
वही dfo राजेश कन्ना टी जानकारी देते हुए बताया है की न घड़ियाल की मौत कल बुधवार के दिन हुई थी। जिसका पोस्टमार्टम कराया गया है और फिर उसे जलाया गया है।
No Comment! Be the first one.