Sidhi news: पर्यटन स्थल का विरोध कर विकास में बाधक बने हनुमान प्रसाद
अपने निजी स्वार्थ के चलते धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश
मंदिर ट्रस्ट में चले जाने का भ्रम फैला कर धार्मिक भावना में पहुंचाई ठेस
Sidhi news : सीधी जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के अन्तर्गत ग्राम पंचायत कपुरी कोठार भरतपुर में रीवा -शहडोल मार्ग पर पर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में स्थित तालाब और तालाब परिसर का सौंदर्यीकरण कर ग्राम पंचायत कपुरी कोठार की सरपंच श्रीमती रामकली कोल एवं जनपद पंचायत भरतपुर श्रीमती सीमा पाण्डेय के व्दारा पर्यटन स्थल बनने के प्रयास में बाधक बनते हुये हनुमान प्रसाद मिश्र पुजारी ने अपने निजी स्वार्थ के चलते झूठी खबर फैलाकर कि मंदिर ट्रस्ट में जा रहा है धार्मिक उन्माद एवं सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया है।
25 सितम्बर को एसडीएम चुरहट ने सौकड़ौ लोगों के सामने यह कहा कि प्रस्तावित ट्रस्ट में हनुमान मंदिर कपुरी कोठार शामिल नहीं था। ट्रस्ट में सिर्फ पार्क, तालाब एवं मंदिर परिसर था। जो कि 13 सितम्बर को वापस लिए जाने का आवेदन दे दिया गया था। अब जब ट्रस्ट बन ही नहीं रहा है तो किस बात की आपत्तियां ली जाये।
Sidhi news : हनुमान प्रसाद मिश्र इस बात की पूरी जानकारी थी कि हनुमान मंदिर को ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया है और 13 सितम्बर को प्रस्तावित ट्रस्ट का आवेदन वापस ले लिया गया है। इसके बाद भी उनके व्दारा सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर आम जनता को धर्म के नाम पर गुमराह किया गया और धार्मिक उन्माद फैलाया गया।
पार्क में रंगरलियां मनाते हैं लोग
मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी मंदिरों को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है और जगह जगह पर्यटन स्थल बना रही है किन्तु हनुमान प्रसाद मिश्र मंदिर के पुजारी ने विडियो जारी कर कहा कि धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल बना रहे और पर्यटन स्थल में लोग रंगरलियां मनाने आते हैं। जबकि हनुमान मंदिर परिसर के तालाब सौंदर्यीकरण होने तालाब परिसर में पार्क बनने के कारण प्रतिदिन सौकड़ौ लोग यहां आते थे। जो पार्क देखने के बाद हनुमान मंदिर का दर्शन करने जाते थे। किन्तु हनुमान प्रसाद मिश्र पर्यटन स्थल को रंगरलियां के रूप में देखते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
Sidhi news : स्वयं का व्यापार बंद होने का था डर
हनुमान प्रसाद मिश्र ने मंदिर का पुजा करने के साथ मंदिर के बाहर नारियल, चुनरी, अगरवत्ती, खिलौना की दूकान खोल रखी है। उन्हें इस बात का डर सताया जा रहा था कि यदि ट्रस्ट बन जायेगा और पर्यटन स्थल घोषित कर दिया जायेगा तो मेरी दूकान बंद हो जायेगी। जब मंदिर बना था तब हनुमान प्रसाद मिश्र के परपाजा को पूजा करने को रखा गया था। उस समय के लोगों ने यह नहीं कहा था कि मंदिर की पूजा सिर्फ इन्ही के बंसज करेंगे। हनुमान प्रसाद मिश्र के परपाजा व इनकी नियुक्ति किसी शासकीय संस्था व पंचायत ने नहीं की गई और ना ही मंदिर उनकी सम्पत्ति है।
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