Sidhi news:सीधी जिले की आदिवासी अंचल में सरकार के द्वारा एक बेहद ही शानदार स्कीम चलाई जाती है। जहां बच्चों को सुविधा और उनके सर्वांगीण विकास के लिए छात्रावास बनाए गए हैं जहां उनका अच्छे भोजन के साथ-साथ सुविधाओं का भी लाभ उन्हें मिलता रहे। लेकिन गंगासागर त्रिपाठी की मनमानी की वजह से बच्चों को कोई भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है ना तो उन्हें रहने की कोई ढंग की व्यवस्था की जा रही है और ना ही नाश्ते और खाने की व्यवस्था कर रहे हैं।
Sidhi news:दरअसल पूरा मामला सीधी जिले के आदिवासी अंचल कुसमी के वस्तुओं गांव का है। जहां आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास स्थित है यहां अधीक्षक की मनमानी से सभी आदिवासी बच्चे परेशान हैं मीनू के अनुसार कभी उन्हें नास्ता नहीं मिलता है। इतना ही नहीं खाने का भी यहां काफी समस्या है कभी-कभी तो खाना सिर्फ दाल और चावल से काम चलाते हैं। जब शिकायत करने जाते हैं तब उनकी शिकायतों पर कोई भी अमल नहीं किया जाता है।
नहीं रहते अधीक्षक
Sidhi news:वही ग्रामीणों ने यह बताया है कि जूनियर आदिवासी बालक छात्रावास वस्तुओं के अधीक्षक गंगासागर त्रिपाठी कभी भी अपने छात्रावास में नहीं रहते हैं। वे सीधी से आया जाया करते हैं और वहां रहने से उन्हें परहेज है। जबकि शासन के नियमानुसार ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। छात्रावास के अधीक्षक का कार्य छात्रावास की सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना है एवं बच्चों की व्यवस्था करना है। लेकिन उनके मुख्यालय में ना रहने की वजह से इस प्रकार की चीज और परेशानी होती हैं।
बच्चों की भी रहती है कमी
Sidhi news:आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास वस्तुओं में बच्चे भी नहीं रहते हैं क्योंकि उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती है। जिसकी वजह से बच्चे यहां छात्रावास में रहने से परहेज बरतते हैं। यहां सिर्फ गिने चुने दो या तीन बच्चे ही रहते हैं और बाकी बच्चे सब अपने घर चले जाया करते हैं। लेकिन उनके अटेंडेंस लगाकर अधीक्षक साहब मोटी कमाई करते हैं और सारा पैसा अपने घर ले जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि छात्रावास के लिए आए भोजन सामग्री को भी उठकर अपने घर ले जाते हैं और रास्ते में बेचने का भी वह काम करते हैं ऐसा लोगों ने आरोप लगाया है।