Sidhi news:रसूख की नहीं चलेगी दलील,भाजपा नेता भानु पांडे और पूर्व नपा अध्यक्ष देवेंद्र सिंह को नगर पालिका सीधी का अल्टीमेटम, सात दिन में कर नहीं तो कुर्की तय
Sidhi news:नगर पालिका परिषद ने सम्पत्तिकर के बड़े बकायादारों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए साफ संदेश दे दिया है कि अब किसी भी तरह का दबाव, पहचान या राजनीतिक रसूख राहत नहीं दिला पाएगा। भाजपा नेता भानु पांडे और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष देवेंद्र सिंह सहित कई नामचीन बकायादारों को नगर पालिका सीधी ने सात दिवस का अंतिम अल्टीमेटम जारी किया है। निर्धारित समय-सीमा में भुगतान नहीं होने पर कुर्की सहित कठोर वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
यह जानकारी नगर पालिका परिषद सीधी के राजस्व प्रभारी ललोहर शाहू ने शनिवार को देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 164 के अंतर्गत बड़े बकायादारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि बार-बार नोटिस, सतत संपर्क और लोक अदालत के माध्यम से अवसर देने के बावजूद जिन करदाताओं ने बकाया सम्पत्तिकर जमा नहीं किया है, उनके खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
राजस्व प्रभारी के अनुसार 13 दिसंबर 2025 को लोक अदालत के माध्यम से बड़े बकायादारों को बकाया सम्पत्तिकर जमा करने के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन इसके बाद भी कई प्रभावशाली लोगों ने भुगतान नहीं किया। सूची में वार्ड क्रमांक 12 के भाजपा नेता भानु पांडे पर 51 हजार 443 रुपये तथा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष देवेंद्र सिंह पर बकाया सम्पत्तिकर दर्ज है। इसके अलावा वार्ड क्रमांक 11 की बीना मिश्रा पर 1 लाख 10 हजार 290 रुपये का सम्पत्तिकर बकाया है।
नगर पालिका द्वारा जारी सूची में मित्र लॉज संचालक रण बहादुर सिंह पर 2 लाख 87 हजार 520 रुपये, वार्ड क्रमांक 22 के चिन्तामणि गुप्ता पर 92 हजार 52 रुपये, उर्मिता गुप्ता पर 1 लाख 9 हजार 284 रुपये, माण्डवी अवधिया पर 84 हजार 415 रुपये, वृजेन्द्र बहादुर सिंह चौहान पर 1 लाख 60 हजार 8 रुपये और राजेन्द्र बहादुर सिंह चौहान पर 1 लाख 80 हजार 286 रुपये सहित कई अन्य बड़े नाम शामिल हैं।
Sidhi news:राजस्व प्रभारी ललोहर शाहू ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्र में कुल 18 लाख 61 हजार 146 रुपये का सम्पत्तिकर अभी बकाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सात दिवस की समय-सीमा अंतिम है। यदि इस अवधि में बकाया राशि जमा नहीं की गई तो संबंधित संपत्तियों की कुर्की, सीलिंग और अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्वयं संबंधित करदाताओं की होगी।
