Sidhi news:कुल्हाड़ी से किया गया था हमला, चार वर्ष बाद उपचार के दौरान मौत
Sidhi news:कुल्हाड़ी के हमले से घायल नायब तहसीलदार अंतत जिंदगी से जंग हार गया, चार वर्ष तक वे जिंदगी और मौत से जूझते रहे, कई महानगरों के अस्पतालों में उपचार चला, चिकित्सकों द्वारा उपचार करने से हाथ खड़ा कर लिया गया था, जिनकी एक जनवरी सुबह मेडिकल कॉलेज रीवा में मौत हो गई।
Sidhi news:बताया गया कि सीभी जिले के अमिलिया थाना अंतर्गत पहाड़ी गांव निवासी लवकेश मिश्रा पिता त्रिपुरारदत्त मिश्रा बतौर प्रभारी तहसीलदार कुसमी में पदस्थ थे। जहां एक सितंबर को स्थानीय कुसमी निवासी देवीदीन जायसवाल द्वारा रात करीब 9 बजे शासकीय आवास के बाहर टहल रहे प्रभारी तहसीलदार के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया गया था, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। प्राथमिक उपचार उपरांतजिला अस्पताल सीधी के लिए रेफर कर दिया गया था।
Sidhi news:यहां चला था उपचार कुल्हाड़ी के हमले से घायल प्रभारी तहसीलदार लवकेश मिश्रा को जिला अस्पताल सीधी से मेडिकल कॉलेज रीवा के लिए रेफर कर दिया गया था, जहां उनका आपरेशन चिकित्सको ने किया था। जहां स्वास्थ्य में सुधार न होने पर इंदौर में दवा करवाई गई, वहां भी खास राहत नहीं मिली, तब इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से मुंबई ले जाया गया, उसके बाद एम्स अस्पताल दिल्ली में भर्ती करवाया गया, जहां दो बार उनकी खोपड़ी बदली गई। इसके बाद चिकित्सको ने उपचार करने से हाथ खड़ा कर लिया गया, जहां उन्हें घर देवसर में लाया गया। 31 दिसंबर की रात स्वास्थ्य खराब होने पर मेडिकल कॉलेज रीवा ले जाया गया, जहां वे दम लेड़ दिए।
हमला के बाद सबूत मिटाने का किया था प्रयास
Sidhi news:आरोपी ने कुल्हाड़ी से प्रभारी तहसीलदार पर पीछे से गर्दन पर धारदार हथियार कुल्ताड़ी (टांगा) से वार किया तथा जब वे गिरने लगे तब पुन-एक प्रहार एवं गिरने के बाद पुन-एक प्रहार किया एवं उनको मरा हुआ मानकर आरोपी देवीदीन जायसवाल व साथी वहां से फरार हो गए। पास के ही तालाब में जाकर दोनों ने कुल्हाड़ी और बप्पलें धोई। वारदात के दौरान आरोपी के साथी जो कि नाचालिग है उसकी एक चप्पल कीचड़ में फंसकर छूट गई थी। आरोपियों ने हथियार को अपनी दुकान के पास ही साली कमरे में छिया दिया था और खून से सने कपड़ों को थो दिया था।
इस कारण दिया था वारदात को अंजाम
Sidhi news:प्रभारी तहसीलदार लवकेश मिश्रा के शासकीय आवास के सामने आरोपी देवीदीन जायसवाल चाव को गुमठी संचालित कर रहा था, जहां देर रात्रि तक शरात्री उत्पात मचाते थे, जिससे परेशान होकर प्रभारी तहसीलदार ने गोमती संचालक को हिदायत दी गई थी कि यदि रात भर यहां हंगामा करवाओगे तो तुम्हारी गुमटी हटवा दूंगा, इसी बात को लेकर आरोपी ने तहसीलदार पर जानलेवा हमला किया, जिससे चार साल बाद उनकी मौत हो गई।