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Sidhi news:नेबूहा प्राचार्य नियम विरुद्ध शिक्षक को दिए लिपिक का प्रभार

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news:नियमों को दरकिनार कर प्राचार्य कर रहे मनमानी

Sidhi news:शासकीय हाई स्कूल नेबूहा में पदस्थ प्राचार्य कर मनमानी को लेकर काफी शिकायतें मिल रही है। इस मामले मे उनके द्वारा सभी नियमों को शिथिल करते हुए मनमानी ढंग से शिक्षक को लिपिक का प्रभार दिया गया। जो नियम विरुद्ध माना जा सकता है। विद्यालय में अक्सर वह खुद उपस्थित नहीं रहते हैं। जबकि उपस्थित रजिस्टर में हस्ताक्षर कर चले जाते हैं।

Sidhi news:इस तरह की शिकायतें प्राचार्य को लेकर सामने आई है। जिसमें कि प्राचार्य केपी शुक्ला की मनमानी चरम पर है। वह खुद विद्यालय में अक्सर नहीं जाते हैंलेकिन हस्ताक्षर कर अपना काम निपटा देते हैं। शिकायतें आई हैं कि उनके द्वारा एक शिक्षक को लिपिक का प्रभार दिया गया है। जबकि वहां पहले से भी लिपिक पदस्थ थे लेकिन उन्हें प्रभार न देकर शिक्षक को प्रभार दिया गया है। जबकि शिक्षक का दायित्व पढ़ाई के लिए होता है। यदि उन्हें लिपिक का प्रभार दिया जाए तो वह गलत माना जाएगा। इस पर कोई पहल नही हो रही है।

हम किसी से नहीं डरते हैं:प्राचार्य

Sidhi news:इस मामले को लेकर प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल नेवूहा केपी शुक्ला से बात की गई तो उन्होने कहा कि हम अपने हिसाब से काम करते हैं। किसी से डरते नहीं हैं। स्कूल चलाना मेरा दायित्व है। उनके द्वारा माह भर में एक बार हस्ताक्षर कर दूसरे माह में लगातार हस्ताक्षर कर वेतन भुगतान करने के मामले पर कहा कि हम व्यस्त रहते हैं जिस वजह से दस्तखत नहीं कर पाए हैं। रही बात प्रभार को लेकर तो हम व्यवस्था बना रहे हैं। लिपिकीय प्रभार हम किसी को दें दिक्कत हो तो बताइये।

यह गलत मामला है, कराएंगे जांचः डीईओ

Sidhi news:इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल मिश्रा ने कहा कि वहां बाबू का प्रभार किसको दिया गया है हमको जानकारी नहीं है। यदि शिक्षक को लिपिक का प्रभार दिया गया है तो यह गलत है। इसके लिए हम जांच कराएंगे। शिक्षक वैसे भी विद्यालय में कम हैं। यदि ऐसी स्थिति है तो पूरी जांच प्रक्रिया के बाद ही हम कुछ कह पाएंगे।

प्राचार्य को लेकर आया नया मामला

Sidhi news:नेबूहा में पदस्थ प्राचार्य का एक नया मामला आया जिसमें कि अप्रैल माह में 1 तारीख के बाद पूरे माह भर दस्तखत नहीं किए। जबकि अन्य कर्मचारी एवं शिक्षक दस्तखत रजिस्टर में किए थे। इसके बाद दूसरे माह मई में आकर दस्तखत कर वेतन का भुगतान भी लिए। इसकी प्रतिलिपि खाली कोरा प्राचार्य का दस्तखत न होने की भी तथ्य है एवं बाद में दस्तखत होने की भी सत्यापित प्रतिलिपि प्राप्त हुई है। इस मामले में प्राचार्य केपी शुक्ला ने कहा कि हम व्यस्त रहते हैं जिस वजह से दस्तखत नहीं कर पाए हैं। हमारे क्षेत्र अंतर्गत संकुल है। वहां जांच करने गए थे। जिस वजह से हस्ताक्षर नहीं किए।

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