Sidhi news:11 उपार्जन केंद्रों का अभी नहीं हो पाया निर्धारण
Sidhi news:जिले में धान उपार्जन के कार्य की शुरुआत आज दो दिसंबर से हो चुकी है। धान उपार्जन के लिए 32 केंद्र बनाए गए हैं। वहीं 11 केंद्रों का निर्धारण अभी तक नहीं हो सका है। ऐसे में क्षेत्रों के किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी धान की उपज बेंचने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। यह अवश्य है कि अभी अधिकाश किसान धान की कटाई के बाद गहाई के कार्य में लगे हुए हैं। वहीं जिन किसानों के यहां गहाई का कार्य हो चुका है वह भी गेंहूं एवं अन्य फसलों की बोनी में जुटे हुए हैं। इस वर्ष अच्छी बारिश होने के कारण धान की बंपर पैदावार हुई है।
Sidhi news:विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष धान का उपाजन बढ़न का संभावना जताई गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि गत वर्ष धान का उपार्जन करने वाली जिले की 23 संस्थाएं अपात्र की श्रेणी में थे इसलिए उन्हें उपार्जन की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। विगत वर्ष खरीदी व जमा के मात्रा में कमी के कारण 23 संस्थाओं को अपात्र की श्रेणी में रखा गया था। इनमें से कुछ उपार्जन केंद्र सचालन की जिम्मेदारी दूसरी संस्थाओं को सौंपा गया है। शेष का प्रस्ताव वरिष्ट कार्यालय को भेजा गया है जहां से अभी तक कोई निर्णय नहीं होने से 11 उपार्जन केंद्रों का निर्धारण नहीं हो पाया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि धान उपार्जन केंद्रों के निर्धारण को लेकर सीधी जिले में जो सूची बनाई जा रही थी उसमें आरंभ से ही काफी सुस्ती नजर आ रही थी। यदि संबंधित अधिकारियों द्वारा उपार्जन केंद्रों की सूची सही समय पर तैयार कर ली जाती तो जिले में सभी 43 उपार्जन केंद्रों का निर्धारण पहले ही हो जाता। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां धान उपार्जन केंद्रों का खुलना जरूरी है। लेकिन वहां अभी खरीदी कार्य के लिए संस्था का निर्धारण न होने के कारण आज प्रथम दिन उपार्जन केंद्र शुरू नहीं हो सके। यह माना जा रहा है कि शेष 11 उपार्जन केंद्रों के लिए संस्था के निर्धारण के लिए काम वरिष्ठ कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद अगले सप्ताह तक प्रारंभ होने की संभावना है।
Sidhi news:जिले में बनाए गए उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश हैं। जिसमें उपार्जन केंद्रों में खरीदी की गई फसलों को बारिश से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पालिथीन एवं तिरपाल की व्यवस्था बनाना आवश्यक है। कई बार यह देखा जाता है कि अचानक बारिश होने पर उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान के नीचे रखे सैकड़ो बोरी धान भीगकर बर्बाद हो जाती है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों एवं उपार्जन केंद्रों में मौजूद लोगों में लापरवाही को दूर करने की सक्रियता नजर नहीं आती। इसी वजह से सभी उपार्जन केंद्रों में सभी सुविधाओं को चाक चौबंद बनाना काफी आवश्यक है। जिससे खरीदी का कार्य निर्बाध रूप से हो सके।
खरीदी के पहले गुणवत्ता की होगी जांच
Sidhi news:जिले के धान उपार्जन केंद्रों में जब किसान धान को बेंचने के लिए जाएंगे तो वहां उनके फसल की गुणवत्ता की जांच का काम किया जाएगा। जांच के लिए सर्वेयरों को नियुक्ति की गई है। नियुक्त किए गए सर्वेयर मशीन के माध्यम से यह जांचेंगे कि जो धान की फसल बेंचने के लिए लाई गई है उसमें नमी तो नहीं है। नमी युक्त धान को खरीदने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। इसके अलावा जांच के दौरान मशीन से यह भी मालूम किया जाएगा कि उसमें दाना है या नहीं। यदि धान में दाना की मात्रा कम है तो ऐसी फसल को भी खरीदने से मना किया जाएगा। वहीं जो धान की फसल बिक्री के लिए किसान लेकर उपार्जन केंद्र में पहुंचेंगे उसमें यह भी देखा जाएगा कि वह पूरी तरह से साफ-सुथरी है या नहीं। यदि धान की फसल में मिट्टी या अन्य सामग्री का मिश्रण है तो उसकी सफाई का काम उपार्जन केंद्र में ही किया जाएगा। जिसका खचर्चा किसान को वहन करना पड़ेगा। धान उपार्जन केंद्र में सेंपल के पास होने के बाद ही उसकी खरीदी होगी। इसको लेकर भी कई बार उपार्जन केंद्रों में विवाद की स्थिति निर्मित होती है।