Sidhi news:सीधी जिले के मझौली ब्लॉक अंतर्गत मड़वास थाना क्षेत्र से पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करने वाला मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि मड़वास पुलिस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर तीन निर्दोष युवकों को नशीली कफ सिरप (कोरेक्स) रखने के मामले में फँसाया, जिसमें दो युवकों को जेल भेज दिया गया, जबकि तीसरे युवक को कथित रूप से ₹5000 लेकर छोड़ दिया गया।
Sidhi news:घटना 2 नवंबर की रात करीब 8 बजे की बताई जा रही है, जब राजकुमार सिंह उर्फ़ लाल बाबू पिता स्व. राजबली सिंह, संजय सिंह उर्फ़ लाल सिंह पिता बहादुर सिंह चौहान और शिबू वर्मा पिता राममिलन वर्मा, तीनों निवासी ग्राम मड़वास, अपने घर के पास आम के पेड़ के नीचे बैठकर लूडो खेल रहे थे। इसी दौरान अचानक पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों युवकों को पकड़ लिया और मौके पर ही मारपीट करते हुए उनसे कोरेक्स के बारे में पूछताछ की। युवकों ने कोरेक्स बेचने से इंकार करते हुए कहा कि उन्हें किसी भी नशीले पदार्थ के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी।
परिजनों के अनुसार, युवकों को पहले मड़वास थाने ले जाया गया, जहां भीड़ बढ़ने पर थाना प्रभारी भूपेश वैश्य उन्हें पुलिस चौकी पथरौला लेकर गए। वहीं तीनों युवकों के साथ बुरी तरह मारपीट की गई और दबाव बनाकर उनसे मनमाफिक बयान लेने की कोशिश की गई। आरोप है कि पुलिस ने कहीं और से कफ सिरप की सीसी लाकर वाहन के सामने रखकर तीनों को उसके साथ खड़ा कर वीडियो बनाया, ताकि उन्हें अपराधी साबित किया जा सके।
Sidhi news:परिजनों का दावा है कि युवकों के पास से एक भी कफ सिरप बरामद नहीं हुई थी। बहादुर सिंह चौहान, जो आरोपियों में से एक के पिता हैं, ने बताया कि उनके बेटे के तलवों और पीठ पर गंभीर चोटें आई हैं। जब परिजन मिलने पहुंचे, तब युवकों ने स्वीकार किया कि पुलिस ने उन्हें लगातार पीटा और स्वीकारोक्ति के लिए मजबूर किया।
आरोप ये भी है कि तीसरे युवक शिबू वर्मा को ₹5000 लेने के बाद छोड़ दिया गया, जबकि तीनों एक साथ पकड़े गए थे। परिजन अब न्याय की मांग करते हुए मीडिया और प्रशासन से निष्पक्ष जांच की गुहार लगा रहे हैं।
